Swami Chinmayananda Case : SGPGI में चिन्मयानंद की एंजियोग्राफी, नहीं मिला ब्लॉकेज-टाइमलाइन में जानें कब क्या हुआ Lucknow News
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सीने की दर्द की शिकायत के चलते लखनऊ पीजीआइ में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। यौन शोषण के साथ दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सोमवार सुबह सीने में दर्द की शिकायत के चलते लखनऊ रेफर किया गया है। सोमवार तड़के उन्हें जेल से ही राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआइ (SGPGI) में भर्ती कराया गया है। जहांं उनकी एंजियोग्राफी हुई। सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, हार्ट में ब्लॉकेज की दिक्कत की शिकायत को लेकर उन्हें कार्डियक आइसीयू में 11:45 बजे भर्ती किया गया।डॉ पीके गोयल की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। शाम 4.15 तक उनकी एंजियोग्राफी हुई, उनके हार्ट में किसी भी तरह का ब्लॉकेज नहीं निकला।
टाइमलाइन में जानें कब क्या हुआ
- 24 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम द्वारा चलाए जा रहे एसएस लॉ कॉलेज के 23 वर्षीय लॉ छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा उत्पीडऩ और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट किया।
- 25 अगस्त: लॉ छात्रा लापता हो गई, पिता ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
- 26 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने खुलासा किया कि अज्ञात नंबर से पांच करोड़ की फिरौती मांगी, रिपोर्ट दर्ज कराई। 26 अगस्त एसपी ने छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की। आरोपों की जांच कोतवाल को सौंपी गई।
- 27 अगस्त: जिला पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की।
- 30 अगस्त: लॉ छात्रा को यूपी पुलिस ने दौसा (राजस्थान) में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास उसके एक दोस्त के साथ पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में वीडियो वारयल हुआ। वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद के होने का दावा किया। इसमें वह लड़की से मसाज करा रहे थे।
- 2 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लॉ छात्र द्वारा लगाए गए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए एसआइटी टीम का गठन किया जाए। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में दर्ज दो क्रॉस एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने का आग्रह किया।
- 3 सितंबर: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश मिलने के बाद यूपी डीजीपी ने आइजी नवीन अरोड़ा के अधीन एसआइटी का गठन किया।
- 4 सितंबर: चिन्मयानंद ने अपने शैक्षणिक संस्थानों को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ एक साजिश का आरोप लगाया।
- 10 सितंबर: चिन्मयानंद और एक लड़की के बीच मालिश का एक कथित वीडियो वायरल हुआ।
- 12 सितंबर: एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। स्वामी का कमरा भी सील कर दिया। चिन्मयानंद के बिना अनुमति आश्रम से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही जांच पूरी होने तक उनके शाहजहांपुर से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
- 14 सितंबर: लॉ स्टूडेंट के पिता ने एक पेन ड्राइव एसआइटी को सौंपी, जिसमें चिन्मयानंद के 43 वीडियो क्लिप थे।
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- 16 सितंबर: को छात्रा को कोर्ट लाया गया। इस दौरान सुरक्षा काफी कड़ी रही। छात्रा सुबह 10 बजे जेएम प्रथम कोर्ट में पहुंची और बयान दर्ज कराने के बाद दोपहर 2:42 बजे कोर्ट से निकली। करीब पौने पांच घंटे तक कोर्ट की कार्यवाही चली, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच छात्रा को घर भेज दिया गया। धारा 164 से तहत छात्रा के कलमबंद बयान दर्ज किए जाने के बाद देर शाम स्वामी चिन्मयानंद की हालत अचानक बिगड़ गई। रात करीब आठ बजे मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट डॉक्टरों की टीम आश्रम में उनके आवास दिव्य धाम पहुंची और उपचार किया।
- 18 सितंबर: चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज छात्रा अपने पिता व भाई के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची। यहां छात्रा ने कहा कि स्वामी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी। एसआइटी भी उसे इस मामले में कुछ नहीं बता रही है। इसलिए वह और भी व्यथित है, इस बात की जानकारी छात्रा के पिता ने दी है।
- 20 सितंबर: एसआइटी ने चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।