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लखनऊ : ह‍िंदू पंचायत से होगा प्राचीन भारत का पुनर्निमाण, हि‍ंदू जोड़ो अभियान चलाएगी शंकराचार्य परिषद

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा सन 1947 में भारत से इस्लाम के नाम पर एक राष्ट्र अलग हो गया। अब यदि 10 में से शून्य चला गया तो बचा सिर्फ एक। आशय यह है कि भारत को अब हि‍ंदू राष्ट्र बनाना होगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:49 AM (IST)
लखनऊ : ह‍िंदू पंचायत से होगा प्राचीन भारत का पुनर्निमाण, हि‍ंदू जोड़ो अभियान चलाएगी शंकराचार्य परिषद
शंकराचार्य परिषद भारत को हि‍ंदू राष्ट्र बनाने के लिए देश में अभियान चलाएगी।

लखनऊ, जेएनएन। अखंड भारत में मुगलों के आने से पहले न तो यहां मुस्लिम राज्य था और न ही अंग्रेजों के आने से पहले इसाईयत। लिच्छवी जैसे गणराज्य भारत में हि‍ंदू राष्ट्र के प्रतीक थे। हिमालय से लेकर हि‍ंद सागर तक भारत का विशाल साम्राज्य था। वर्ष 2019 के प्रयाग कुंभ में कई सम्प्रदायों के संतों और बुद्धजीवियों से मिलकर जिस शंकराचार्य परिषद की स्थापना की गई उस परिषद के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप हि‍ंदू पंचायत के आयोजन के लिए बलिया से लौटते हुए कुछ देर लखनऊ भी रुके। इस दौरान उन्होंने दैनिक जागरण से शंकराचार्य परिषद की भावी तैयारियों पर खुलकर चर्चा की।

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भारत को बनाना होगा हि‍ंदू राष्ट्र

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा, सन 1947 में भारत से इस्लाम के नाम पर एक राष्ट्र अलग हो गया। अब यदि 10 में से शून्य चला गया तो बचा सिर्फ एक। आशय यह है कि भारत को अब हि‍ंदू राष्ट्र बनाना होगा। शंकराचार्य परिषद भारत को हि‍ंदू राष्ट्र बनाने के लिए देश में अभियान चलाएगी। परिषद गांव-गांव जाकर जाति तोड़ो हि‍ंदू जोड़ो अभियान चलाकर हि‍ंदुओं को एकजुट करेगी। देश में अनुकूल समय आने पर उसी तरह हि‍ंदू राष्ट्र की स्थापना होगी, जिस तरह राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। मेरा मानना है कि धर्म का राष्ट्र होना चाहिए। राष्ट्र का धर्म नहीं। 

संतों का इस्तेमाल कर रहे राजनीतिक दल

संतों को राजनीति में नहीं होना चाहिए, लेकिन राजनीति पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए। आज 90 प्रतिशत संत राजनीति कर रहे हैं। उनका ये राजनीतिक दल इस्तेमाल कर रहे हैं। यह स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई है। हि‍ंदू महा पंचायत से प्राचीन भारत का पुनर्निमाण हो सकेगा। आज देश जातिवाद की बेडिय़ों में जकड़ा है। इसी को तोडऩा है। 

लव जिहाद के खिलाफ कानून बनना स्वागत योग्य

शंकराचार्य परिषद उन लोगों की घर वापसी भी करा रही है जिन्होंने मुगलों व अंग्रेजों के अत्याचार और स्वतंत्र भारत में किन्ही कारणों से अपना धर्म बदल लिया था। केरल के कोल्लम में परिषद ने 5060 लोगों को वापस हि‍ंदू धर्म की मुख्य धारा से जोड़ा है। स्वामी आनंद स्वरूप मानते हैं कि देश लव जिहाद ही नहीं अन्य दूसरे स्वरूपों के जिहाद का सामना कर रहा है। यूपी और एमपी की सरकारों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया। यह स्वागत योग्य है।  


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