कैशियर हत्याकांड में सिपाही निलंबित, बड़ों को मिल गया अभयदान
कैशियर हत्याकांड : पूर्व इंस्पेक्टर की भी कार्यप्रणाली पर संदेह। जांच का आदेश। हलका प्रभारी मेडिकल अवकाश पर होने के कारण बचे।
लखनऊ, (जेएनएन)। कैशियर श्याम सिंह हत्याकांड में बीट सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। वहीं इलाके के बड़े अफसरों को अभयदान मिला है। बड़ों पर मेहरबानी के बाबत अधिकारी चुप्पी साधे हैं। आज भी पुलिस लुटेरों को तलाश नहीं कर सकी। दिन भर कवायद के बाद पुलिस खाली हाथ रही।
एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि विश्वनाथ ने अक्टूबर महीने में सिर्फ नौ बार ही बैंक चेक किया था, वह भी साढ़े ग्यारह बजे के बाद, जबकि कैश लूटने की अक्सर घटनाएं बैंक खुलने के तुरंत बाद की होती है। एसएसपी ने थाने के ड्यूटी व चेकिंग रजिस्टर भी चेक किए। पीआरवी (पुलिस प्रतिक्रिया वाहन) 509 व 2642 पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली को लेकर भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना से थोड़ी देर पहले विभूतिखंड थाने से चार्ज से हटे पूर्व कोतवाल मथुरा राय की भी भूमिका संदिग्ध है, उनकी कार्यप्रणाली और ड्यूटी प्रबंधन को लेकर जांच बैठा दी गई है।
उधर, वारदात के समय हलका प्रभारी दारोगा फणीश कुमार सिंह मेडिकल अवकाश पर थे, जिससे उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन मौजूदा इंस्पेक्टर और सीओ चार्ज पर थे। बड़े अधिकारियों की जवाबदेही कब तय होगी इस पर एसएसपी का कहना है कि इंस्पेक्टर और सीओ ने जल्दी ही ज्वाइन किया है, इसीलिए उन्हें घटना खोलने का समय दिया गया है।
सिपाही बैंक जा रहा था, रास्ते से बुलाकर भेजा दूसरी जगह
निलंबित मुख्य आरक्षी विश्वनाथ का कहना है कि सुबह साढ़े दस बजे बैंक ऑफ इंडिया में अफसर आते हैं, लोहिया अस्पताल के पास चीता मोबाइल पर क्षेत्र भ्रमण पर था, बैंक चेकिंग को जा ही रहा था, तभी 10:33 बजे विभूतिखंड थाने के ड्यूटी मुंशी विकास यादव का फोन आया और उन्होंने थाने बुलाकर सड़क दुर्घटना में गोमतीनगर डेथ मेमो के लिए भेज दिया। इसी बीच 10:36 पर बैंक के सामने कैशियर श्याम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। विश्वनाथ ने बताया कि सोमवार सुबह 9:25 बजे से उसकी ड्यूटी क्षेत्र भ्रमण में लगाई गई थी।