Surya Grahan 2020 : यूपी में कोरोना संक्रमण के खतरे से सहमा रहा मोक्षकाल का गंगा स्नान
Surya Grahan 2020 भजन-कीर्तन की पहचान रखने वाली मथुरा काशी अयोध्या और चित्रकूट जैसी धर्मनगरियों की सुबह अपने स्वभाव के विपरीत सन्नाटे में गुजरी।
लखनऊ, जेएनएन। पूरे उत्तर प्रदेश में सूर्य ग्रहण के प्रभाव के बीच धार्मिक कृत्य, जप, स्नान और श्राद्ध-दान का विधान जारी रहा। भजन-कीर्तन की पहचान रखने वाली मथुरा, काशी, अयोध्या और चित्रकूट जैसी धर्मनगरियों की सुबह अपने स्वभाव के विपरीत सन्नाटे में गुजरी। इसके पीछे का कारण सूर्यग्रहण का सूतक काल रहा। सूर्यग्रहण रविवार सुबह 10:29 बजे शुरू हुआ, लेकिन सूतक 12 घंटा पूर्व शनिवार रात 10:29 बजे ही लग गया। इसी के साथ ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। ग्रहण के बाद की अवधि में गंगा स्नान-दान का विशेष महत्व है लेकिन कोरोना काल के चलते बहुतायत लोगों ने घर पर रहकर ही स्नान-दान की परंपरा निभाई। साथ ही इस खगोलीय घटना की तस्वीर मोबाइल फोन में कैद की।
कोरोना संकट के चलते गंगा समेत अन्य नदियों में स्नान पर प्रतिबंध रहा। हालांकि वाराणसी समेत मऊ, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, भदोही व चंदौली में में भक्तों ने गंगा व अन्य पवित्र नदियों में डूबकी लगाई। बहुतायत लोगों ने घर में ही सूर्यदेव व गंगा का स्मरण कर स्नान विधान किए।
ग्रहण के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, मीरजापुर स्थित विंध्यवासिनी धाम आदि मंदिरों में दर्शन पूजन को सामान्य दिनों से ज्यादा भक्त पहुंचे। प्रयागराज के संगम तट पर मोक्षकाल के बाद भी स्नान करने वाले नगण्य रहे। गढ़मुक्तेश्वर से लेकर बलिया तक गंगा के तट पर आस्था कोरोना संक्रमण से सहमी सहमी सी रही। गोरखपुर-बस्ती मंडल में मोक्षकाल के बाद मंदिरों के कपाट खुल गए और विधिवत पूजन अर्चन हुआ।
अयोध्या में रविवार तीसरे पहर 02:01 बजे ग्रहण काल तक मंदिरों के कपाट बंद रहे। ग्रहण काल समाप्त होते ही आस्था का उल्लास शिद्दत से बिखरा। मंदिरों की धुलाई की गई। नित्य पूजा, परिधान और आरती के बाद भगवान को भोग लगाया गया। रामजन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनकभवन आदि प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मोक्ष काल के दौरान पुण्य सलिला सरयू के प्रति अनुराग भी छलका। लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा में भी पावन नदियों में स्नान की लालसा कोरोना संक्रमण के खतरे से सहमी रही।
बुंदेलखंड और कानपुर के आसपास जिलों में मंदिरों के पट शनिवार रात से बंद थे। रविवार को लोग गंगा तट पर भक्ति में लीन रहे। इस दौरान महिलाओं की तादात ज्यादा थी। चित्रकूट में अमावस्या मेला स्थगित होने के बाद भी सैकड़ों श्रद्धालु धर्म नगरी पहुंच गए और कुछ ने मंदाकिनी में डुबकी भी लगाई। कामतानाथ स्वामी के पट बंद होने से श्रद्धालु नहीं आए। इस बीच यूपी-एमपी क्षेत्र की सीमाएं सील रहीं।