घरों के अभिलेखीकरण के लिए गांव में ड्रोन से हो रहे सर्वे, अब ग्रामीणों के पास भी होगा संपत्ति प्रमाणपत्र
प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण स्वामित्व योजना के तहत घरों का हो रहा सर्वे। अभिलेखीकरण कर दिया जाएगा मालिकाना प्रमाण पत्र।
लखनऊ [अंकित शुक्ला]। आजादी के बाद से पीढ़ियों ने गांवों में रहते हुए अपना जीवन व्यतीत कर दिया लेकिन गांव की पुरानी आबादी के अंदर घरों का अभिलेखीकरण ना होने से उन्हें अपने ही घरों का मालिकाना प्रमाणपत्र नहीं मिल सका। नतीजन गांव में जमीन, खेत व घर को लेकर अक्सर झगड़े सामने आते हैं। वहीं , ग्रामीणों के पास संपत्ति को लेकर कोई रिकॉर्ड ना होने से ग्रामीण खुद को असहाय व बेबस महसूस करते थे।
लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब पंचायतों के अंदर ग्रामीणों को उनके घरों का स्वामित्व मालिकाना प्रमाणपत्र मिल सकेगा व ग्रामीण अपने घरों के स्वामित्व के कागजात पर बैंक से ॠण भी ले सकेंगे। प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर सरोजनी नगर तहसील प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। योजना के अंतर्गत तहसील क्षेत्र के पांच गांवों को चयनित किया गया है। जिसमें एसडीएम राजस्व टीम व जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम के साथ गांवो में ड्रोन के जरिए सर्वे कर रहे है।
एसडीएम सरोजनी नगर प्रफुल्ल त्रिपाठी के मुताबिक, तहसील में मुज्जफरनगर घुससवल, देवामऊ, पिपरसंड, बिरुरा व समदा पंचायत का चयन स्वामित्व योजना के अंतर्गत हुआ है। इन पांच गांव में स्थानीय लेखपाल शिव सागर पाल, धर्मदेव के साथ राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह की टीम बनाई गई है। राजस्व कर्मी गांव में जाकर प्रत्येक घर का सर्वे कर रहे है। उसके बाद घरों के सामने चूना डालकर घरों का चिन्हाकन कर ड्रोन कैमरे से घरों का सर्वे किया जा रहा है व डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहे हैं। ड्रोन कैमरे से जांच के बाद पुनः ग्रामीणों से आपत्ति मांगकर निराकरण कर संपत्ति प्रमाणपत्र दिया जाएगा। शुक्रवार से लगातार एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी गांव में अपने सामने ड्रोन से पंचायतों का सर्वे करा रहे है।
ये है योजना
संपत्ति पर मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा पंचायती राज दिवस के अवसर पर स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी। स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है। योजना से ग्राम पंचायतों के काम ऑनलाइन हो जाएंगे और लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्यौरा मुहैया कराया जाएगा।ई-पोर्टल से ग्रामीण अपनी जमीन के मालिकाना हक का सर्टिफिकेट भी ले सकेंगे। स्वामित्व का प्रमाण-पत्र मिलने के बाद गांव के लोग बैंकों से लोन भी ले सकेंगे। पहली बार ग्रामीण आबादी की संपत्ति का सर्वे कर अभिलेखीकरण किया जा रहा है।