विवादों में घिरे एमएलसी दिनेश सिंह कांग्रेस से बाहर
एमएलसी दिनेश सिंह ने 15 अप्रैल को अपने भाई व जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह की कुर्सी को बचाने के लिए जो भी किया उसमें उनकी रणनीति सफल रही।
रायबरेली (जेेएनएन)। जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को धड़ाम करने में कामयाब रहे एमएलसी दिनेश सिंह ने जब कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों पर निशाना साध दिया तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर एमएलसी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। एमएलसी पर कई आरोप थे।
एमएलसी दिनेश सिंह ने 15 अप्रैल को अपने भाई व जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह की कुर्सी को बचाने के लिए जो भी किया उसमें उनकी रणनीति सफल रही।
सब कुछ ठीक था लेकिन अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद एमएलसी ने नेवाजगंज में जब सभा की। यहां कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीके शुक्ल व अमेठी जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह बधाई देने पहुंचे तो आरोप है कि एमएलसी ने न केवल दोनों को अपमानित किया बल्कि हमला करा दिया। इस पर दोनों जिलाध्यक्ष किसी तरह बच कर निकले। इस दौरान सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा को भी निशाने पर लिया गया था।
इसके बाद जिला पंचायत सदस्य सर्वेश कुमारी के भाई व महामंत्री मनोज पासवान ने एमएलसी पर बंधक बनाने तथा मारपीट का आरोप लगाया था। इस तरह सारे मामले दिनेश सिंह के खिलाफ हो गए तथा हाईकमान को इससे अवगत कराया गया। हाईकमान की हरी झंडी मिलते ही मंगलवार को एमएलसी दिनेश सिंह को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।