Suresh Raina: सुरेश रैना का भौकाल ही अलग है, इंटरनेशनल क्रिकेट में साथ खेले यूपी के साथी क्रिकेटरों की राय
Suresh Raina Retirement From International Cricket मोहम्मद कैफ के साथ ही बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रुद्र प्रताप सिंह व प्रवीण कुमार भी मानते हैं रैना अभी दो-तीन साल तो खेल सकते थे।
लखनऊ [धर्मेन्द्र पाण्डेय]। टीम इंडिया को अहम मैच में जीत दिलाने वाले बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना के शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक ही संन्यास लेने के फैसले से लोगों के साथ उनके साथ खेले क्रिकेटर भी अवाक हैं।
उत्तर प्रदेश को पहली बार रणजी ट्राफी चैंपियन बनाने वाले कप्तान मोहम्मद कैफ के साथ ही बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रुद्र प्रताप सिंह व प्रवीण कुमार भी मानते हैं कि रैना अभी दो-तीन साल तो खेल सकते थे। खैर इन सभी ने रैना को बेहतरीन क्रिकेटर बताया और इनका मानना है कि उनकी जगह लेने वाला फिलहाल तो अभी कोई नहीं दिख रहा है।
रैना का भौकाल अलग
रणजी ट्राफी में उत्तर प्रदेश टीम के सफलतम कप्तान मोहम्मद कैफ तो रैना के हरफनमौला योगदान के दीवाने से हैं। कैफ ने बताया कि वह ऐसा क्रिकेटर है कि उसकी जुंबा पर किसी भी बात के लिए ना शब्द तो है ही नहीं। शानदार बल्लेबाज तथा चपल फील्डर होने के साथ ही रैना एक उपयोगी गेंदबाज भी रहे हैं। कैफ ने कहा कि हमको घरेलू के साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर साथ खेलने का काफी समय मिला। वह चैलेंज एकसेप्ट करने वाला क्रिकेटर है। वह टीम में पॉजिटिव इनर्जी बढ़ाने वाला शख्स है। शानदार बैकलिफ्ट से इनसाइड आउट स्ट्रोक्स के साथ ही उसके पास ग्राउंड के हर कोने में खेले जाने वाले शॉटस हैं।
कैफ ने बताया कि एक बार उत्तर प्रदेश को रणजी ट्राफी में तमिलनाडु के खिलाफ एक अहम मैच में चौथे तथा अंतिम दिन हमको जीतने के लिए 280 से अधिक रन चाहिए थे। आर अश्विन तथा अन्य अपने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ स्पिनरों की मददगार पिच पर लक्ष्य मुश्किल था। मैंने रैना से कहा कि हम दोनों पारी शुरू करते हैं और चांस लेते हैं। वह तुरंत तैयार हो गया। हम दोनों ने पारी शुरू की और स्पिनर्स के खिलाफ शानदार पारी खेली। इससे साबित होता है कि इस शख्स ने चुनौतियों को कभी ना नहीं कहा। एक शानदार और उपयोगी बल्लेबाज, चीते सी फुर्ती वाला फील्डर और मुश्किलों क्षणों का गेंदबाज। इसी लिए हम लोग कहते हैं कि रैना का भौकाल अलग है।
सफेद गेंद के खिलाफ लाजवाब
सुरेश रैना के साथ लखनऊ के स्पोटर्स कॉलेज तथा हास्टल के साथी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रूद्र प्रताप यानी आरपी सिंह भी उनके संन्यास लेने के फैसले से चौंक गए। आरपी ने कहा कि रैना भारतीय क्रिकेट को एक बड़ी सौगात हैं। अच्छे क्रिकेटर के साथ बेहतरीन इंसान ने क्रिकेट के हर क्षण को बेहद गंभीरता से लिया। सफेद गेंद पर करारे प्रहार करने वाला उससे बेहतर बल्लेबाज मिलना अब मुश्किल है। वह संकटमोचक ही रहा। अब टीम में उनका न होना क्रिकेट प्रेमियों को निराश करेगा। उनकी नई यात्रा के लिए मेरी शुभकामनाएं।
नई पारी के लिए बधाई
सुरेश रैना प्रवीण कुमार के करीबी दोस्तों में से एक हैं। अक्सर मेरठ आने पर सुरेश रैना प्रवीण कुमार के साथ ही नजर आते रहे हैं। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मेरठ के भुवनेश्वर कुमार की शादी में भी सुरेश रैना और प्रवीण कुमार साथ ही पहुंचे थे।
वर-वधू को शादी की शुभकामना देने के बाद दोनों साथ ही वहां से निकले थे। सुरेश रैना पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रेनिंग भी कर रहे हैं और अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी वीडियो भी साझा करते रहें हैं। प्रवीण ने रैना को भी नई पारी के लिए बधाई दी है।
हैरत में कोच पीके गुप्ता
सुरेश रैना के संन्यास की घोषणा से हर कोई हैरत में है। विशेषकर क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले कोच। 2003 से 2007 तक सुरेश रैना के क्रिकेट कोच रहे फीरोजाबाद के पीके गुप्ता ने बताया कि रैना स्पोट्र्स हॉस्टल लखनऊ में 2003 में आए थे, उनका क्रिकेट देख कर ही उन्होंने कह दिया था कि वह न सिर्फ इंडियन टीम में सलेक्ट होंगे बल्कि कप्तानी भी करेंगे, यह बात सच भी हुई, 2005 में श्रीलंका दौरे पर गई इंडियन क्रिकेट टीम में उनका चयन हो गया, इसके बाद 2006 में जिंबाब्वे के साथ हुए मैच में रैना को कप्तानी करने का मौका भी मिला।
सुरेश रैना भारत की तरफ से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने वनडे में पहला शतक हांगकांग के खिलाफ लगाया था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक श्रीलंका के विरुद्ध जड़ा था। उन्होंने 2010 टी-20 वल्र्ड कप के दौरान क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में अपना पहला शतक साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगाया था। भारत की तरफ से टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे जबकि वल्र्ड में वो ऐसा करने वाले दुनिया के तीसरे खिलाड़ी बने थे।