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UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शिक्षामित्रों की याचिकाएं, शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ

UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti सहायक शिक्षक 69000 भर्ती मामले में सर्वोच्च आदालत ने फैसला सुनाते हुए यूपी सरकार के 60 और 65 फीसद कटऑफ को सही ठहराया और शिक्षामित्रों की याचिका को खारिज दिया। अब बचे हुए 37 हजार से अधिक पदों पर भर्ती जल्द हो सकेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 08:49 AM (IST)
UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शिक्षामित्रों की याचिकाएं, शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
उत्तर प्रदेश के प्रथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।

लखनऊ, जेएनएन। UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti Verdict: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों के सभी 69,000 पदों पर भर्ती का रास्ता बुधवार को साफ हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को मई में घोषित भर्ती परीक्षा के नतीजों के मुताबिक सभी 69,000 पदों पर भर्ती को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने भर्ती परीक्षा में 60 और 65 फीसद कटआफ अंक रखने को चुनौती देने वाली शिक्षामित्रों की याचिकाएं खारिज कर दीं।

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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कोर्ट के अंतरिम आदेश पर शिक्षामित्रों के लिए खाली रखे गए 37,339 पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि शिक्षामित्र पूरी तरह खाली हाथ रहे हैं। कोर्ट ने प्रदेश सरकार के बयान को फैसले में दर्ज किया है जिसमें कहा गया है कि अगली भर्ती में शिक्षामित्रों को शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने उस भर्ती के तौर तरीके तय करने के काम राज्य सरकार पर छोड़ दिया है।

यह आदेश बुधवार को जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिक्षामित्र संघ और शिक्षामित्रों की ओर से अलग से दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सुनाया। शिक्षामित्रों ने सहायक शिक्षकों के 69,000 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसद और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसद कटआफ अंक रखे जाने के प्रदेश सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 65 और 60 फीसद कटआफ अंकों को सही ठहराते हुए प्रदेश सरकार को भर्ती की इजाजत दे दी थी जिसके खिलाफ शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

यह थी शिक्षामित्रों की दलील : शिक्षामित्रों की मांग थी कि न्यूनतम योग्यता अंक पूर्व भर्ती परीक्षा की तरह 45 और 40 फीसद ही होने चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई, 2017 को आनंद कुमार यादव के केस में फैसला देते हुए शिक्षामित्र से सहायक शिक्षक पद पर नियमित हुए 1,37,500 शिक्षामित्रों का नियमन रद कर दिया था। तब शिक्षामित्रों की भर्ती इसलिए रद हुई थी क्योंकि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास नहीं थे। अब सहायक शिक्षक भर्ती (एटीआर) परीक्षा में बैठे सभी लगभग 45,000 शिक्षामित्र टेट पास हैं ऐसे में उन सभी को सहायक शिक्षक नियुक्त किया जाना चाहिए। उनसे बची सीटों पर बाकी अभ्यर्थियों की मेरिट तय होनी चाहिए। लेकिन बीएड अभ्यर्थियों की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद करते हुए कोर्ट ने कहा था कि इन्हें बिना खुली भर्ती और स्पर्धा के नियुक्ति दी गई है जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।

प्रदेश सरकार ने कहा, शिक्षामित्रों की विरोधी नहीं : प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार को शिक्षामित्रों का विरोधी बताया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। कोर्ट ने आनंद कुमार केस में शिक्षामित्रों को भर्ती में शामिल होने के लिए उम्र और भारांक की छूट दी थी। सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए सबसे अधिक भारांक (वेटेज) तय किया है। शिक्षामित्रों को एक साल के अनुभव पर ढाई अंक का भारांक दिया गया है। कोई भी शिक्षामित्र 10 वर्ष से कम अनुभव का नहीं है इसलिए अधिकतम 25 भारांक तय हैं। न्यूनतम योग्यता अंक 65 और 60 फीसद रखे जाने पर कहा गया कि पिछली एटीआर में करीब एक लाख अभ्यर्थी बैठे थे और प्रश्नपत्र वर्णनात्मक (डिस्क्रिप्टिव) थे जबकि अबकी बार प्रश्नपत्र बहुविकल्पीय (आब्जेक्टिव) थे और चार लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे।

यूपी सरकार ने शुरू की थी भर्ती : बता दें कि 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुज्ञा याचिका रामशरण मौर्या व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य में बीती 21 मई को आदेश पारित कर कहा था कि जिन पदों को शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के रूप में धारण कर रहे हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। वहीं, सूबेदार सिंह व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य मामले में शीर्ष अदालत ने नौ जून को आदेश दिया था कि 37,339 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए हैं। लिहाजा 37,339 पदों को छोड़कर सरकार बाकी पदों पर भर्ती कर सकती है, जिसके बाद यूपी सरकार ने 31,661 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी।


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