सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी मेडिकल कॉलेजों में सुधार की लंबी योजना
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुधार के लिए मुंह मांगा समय देने से इन्कार कर दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुधार के लिए मुंह मांगा समय देने से इन्कार कर दिया है। बांदा, शाहजहांपुर, जालौन व आजमगढ़ के मेडिकल कॉलेजों को मानकों के मुताबिक तैयार करने के लिए प्रदेश सरकार ने अंडरटेकिंग देकर अलग-अलग कार्यों के लिए तीन महीने से लेकर एक साल तक का समय मांगा था, लेकिन न्यायालय ने इसे स्वीकार न करते हुए सभी काम के लिए तीन महीने का समय देते हुए एमबीबीएस की 400 सीटों पर दाखिले की अनुमति दे दी है।
मंगलवार से ऑनलाइन पंजीकरण
नीट यूजी काउंसिलिंग के तहत मंगलवार से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो रहे हैं। प्रदेश के राजकीय व निजी मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस सीटों पर 12 जुलाई तक प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसकी तैयारियां पिछले दिनों तब प्रभावित हो गईं, जब भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) ने जिला अस्पतालों से अपग्रेड कर बनाए गए बांदा, शाहजहांपुर, जालौन व आजमगढ़ के चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति देने से मना कर दिया था। इनमें से प्रत्येक कॉलेज में सौ-सौ एमबीबीएस सीटें हैैं। हालांकि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते अप्रैल में एमसीआइ को अंडरटेकिंग देकर काउंसिलिंग तक मानक पूरे करने का दावा किया था, लेकिन एमसीआइ ने इसे नहीं माना था।
न्यायालय ने अंडरटेकिंग मांगी थी
इसी के बाद एमबीबीएस सीटें बचाने के लिए प्रदेश सरकार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट गई थी, जिस पर न्यायालय ने अंडरटेकिंग मांगी थी। इससे पहले प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग एमसीआइ को ही अंडरटेकिंग देता था, लेकिन इस बार जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद अंडरटेकिंग मांगी तो प्रदेश के अधिकारियों ने हवा में बात करने की बजाय हर काम के लिए वास्तविक समय का अनुमान लगाया और चारों मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं, संसाधनों और शिक्षकों के लिए अलग-अलग समय तय करके यह अंडरटेकिंग सुप्रीम कोर्ट को सोमवार सुबह सौंप दी। इस पर न्यायालय ने 400 सीटों पर प्रवेश की अनुमति तो दे दी, लेकिन अंडरटेकिंग में दिए गए अलग-अलग समय को न मानते हुए सभी कार्यों के लिए तीन महीने की अवधि तय कर दी है।
मानक पूरे करने को तीन महीने का समय
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के चार नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मानक पूरे करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। न्यायालय के आदेश के मुताबिक अगले तीन महीने में इन मेडिकल कॉलेजों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी।