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LockDown 4 Lucknow News: जहां मिला छोटा स्टेशन खड़ी हो गई ट्रेन, 36 की जगह 41 घंटे में तय किया सफर

LockDown 4 Lucknow News 36 की जगह 41 घंटे में गोवा से पहुंची सुपरफास्ट श्रमिक स्पेशल ट्रेन। चेन्नई से चली ट्रेन तो झांसी के बाद नहीं मिला खाना।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:53 AM (IST)
LockDown 4 Lucknow News: जहां मिला छोटा स्टेशन खड़ी हो गई ट्रेन, 36 की जगह 41 घंटे में तय किया सफर
LockDown 4 Lucknow News: जहां मिला छोटा स्टेशन खड़ी हो गई ट्रेन, 36 की जगह 41 घंटे में तय किया सफर

लखनऊ, जेएनएन। LockDown 4 Lucknow News: गोवा के मडगांव से सुपरफास्ट स्टेशल ट्रेन बुधवार शाम सात बजे रवाना हुई। ट्रेन दिवा होते हुए जब भुसावल को बढ़ी तो इसे रोक दिया गया। नौगांव स्टेशन पर यह ट्रेन खड़ी रही और पीछे से कई ट्रेनें गुजार दी गई। लखनऊ तक जिस ट्रेन को 36 घंटे लगना चाहिए था। वह ट्रेन 41 घंटे में पहुंची। बस्ती जा रहे राम निवास सहित कई प्रवासी झांसी से लखनऊ तक पीने के पानी को ही तरस गए।

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प्रवासी श्रमिकों को लेकर उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली ट्रेनों की लेट लतीफी और इसमें सवार प्रवासियों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन में भले ही नियमित ट्रेनें बंद हैं। मालगाड़ियां भी 20 प्रतिशत से कम दौड़ रही हैं। लेकिन प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को उनकी मंजिल तक ग्रीन सिगनल का इंतजार करना पड़ रहा है। चेन्नई से गोरखपुर को निकली स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह झांसी से निकली। 

गाजीपुर जा रहे अभिजीत ने बताया कि छोटे बच्चे हैं साथ में। महाराष्ट्र में नागपुर और मध्य प्रदेश में इटारसी के बाद कुछ नहीं मिला। जो कुछ पास में बिस्कुट था। वहीं देकर बच्चे की भूख मिटायी। ट्रेन 04871 स्पेशल में सफर कर रहे मोहम्मद इकबाल ने बताया कि रास्ते में खाना मिला है। लेकिन पीने को पानी नहीं दिया है। रेल मंत्रालय को शिकायत के बाद गोरखपुर में इस ट्रेन के प्रवासियों को पीने का पानी मिल सका। रतलाम गोरखपुर स्पेशल में रवाना हुए रमेश कुमार यादव को ट्रेन आरंभ होने पर ही खाना मिला था। इसके बाद बीच सफर उनको खाना और पानी नसीब ही नहीं हो सका।

आइसोलेशन कोच दौड़ाए

कोरोना से निपटने के लिए तैयार किए गए आइसोलेशन कोच के रैक को रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में इस्तेमाल कर लिया है। गोवा से बस्ती जा रही स्पेशल ट्रेन का रैक आइसोलेशन वाला था। जिसकी बीच की सभी सीेटें हटा दी गई थी। केवल नीचे व ऊपर वाली सीट ही थी। रेलवे 31 मई तक आइसोलेश्न कोच का इस्तेमाल श्रमिक स्पेशल के रूप में करेगा।


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