अभिव्यक्ति का उत्सव : संवादी के बेहतर आयोजन को जुटीं प्रबुद्ध हस्तियां, दिये सुझाव
अभिव्यक्ति के तीन दिवसीय उत्सव दैनिक जागरण संवादी का आयोजन इस बार तीन से पांच नवंबर तक भारतेंदु नाट्य अकादमी के प्रेक्षागृह में होगा।
लखनऊ (जेएनएन)। अभिव्यक्ति के तीन दिवसीय उत्सव दैनिक जागरण संवादी का आयोजन इस बार तीन से पांच नवंबर तक भारतेंदु नाट्य अकादमी के प्रेक्षागृह में होगा। संवादी का शहर में यह चौथा साल है जिसमें तीन दिन में तीस विभिन्न सत्रों में देश-विदेश से 75 वक्ता भाग लेंगे। साथ ही उपस्थितजनों से उनका सीधा संवाद भी होगा। इसे शहर का विशिष्ट आयोजन बनाने के लिए मंगलवार को दैनिक जागरण के आग्रह पर जुटी शहर की नामचीन हस्तियों ने इसे और बेहतर बनाने के सुझाव दिये।
साहित्य व रंगकर्म से जुड़ी हस्तियों ने लगातार चौथी बार संवादी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दैनिक जागरण की सराहना कर अपना भरपूर समर्थन दिया। दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक अभिजित मिश्र ने मेहमानों को संवादी के आयोजन के मकसद व स्वरूप से परिचित कराया। संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल ने बताया कि संवादी आयोजन को साल दर साल और बेहतर बनाने का दैनिक जागरण प्रयास कर रहा है। इसबार अलग-अलग विषयों पर आधारित सत्र के दौरान पुस्तकों का लोकापर्ण भी किया जा सकेगा। ताकि, दैनिक जागरण की ओर से लेखकों को एक मंच उपलब्ध कराया जा सके।
युवा पीढ़ी जोडऩे का प्रयास होना चाहिए
कवि अभय सिंह निर्भीक ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी को जोडऩे का प्रयास होना चाहिए। दूरदर्शन के निदेशक आत्म प्रकाश मिश्र ने कहा कि हर सत्र में विशेषज्ञों को अधिक से अधिक समय मिलना चाहिए। हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने संवादी कार्यक्रम की शुरूआत कथक की खुशबू से करने का सुझाव दिया। ङ्क्षहदी संस्थान की डॉ. अमिता दुबे का कहना था कि संवादी के सभी सत्रों में दर्शकों की राय जानने के लिए अलग से स्पेस मिलना चाहिए। लविवि पत्रकारिता विभाग के मुकुल श्रीवास्तव ने संवादी कार्यक्रम को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए फेसबुक लाइव में हर गतिविधियां अपडेट करने की अपील की। इस मौके पर रंगकर्मी प्रभात कुमार बोस, शायर वाहिद अली वाहिद, रंगकर्मी केशव पंडित, अरुण त्रिवेदी, वरिष्ठ रंगकर्मी रतन राठौर, कवि रूपा पांडेय सतरूपा, राकेश मंजुल, रंगकर्मी गोपाल सिन्हा, कमलेश मौर्य मृदु, ऐशबाग रामलीला के पंडित आदित्य द्विवेदी, युवा महोत्सव के आयोजन से जुड़े मयंक रंजन, उद्यमी ज्योत्सना हबीबुल्लाह, रंगकर्मी सीमा मोदी व साहित्यकार नलिन रंजन सिंह सहित अन्य लोगों ने अपने सुझाव दिए।
लखनऊ का संवादी बनाने का प्रयास
हास्य कवि सूर्य कुमार पांडेय ने कहा कि दैनिक जागरण के इस प्रयास की सराहना करते और शुभकामनाएं देते हैं। संवादी में बेस्ट सेलर लेखकों की सीरीज, उनसे मिलने और संवाद करने का पाठकों को अवसर मिलना चाहिए। रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि संवादी से पहले और प्रत्येक दिन प्री कवरेज होनी चाहिए ताकि लोगों को कार्यक्रम से पहले जानकारी मिल सके और वह भी संवादी का हिस्सा बन सकें। इतिहासकार रवि भट्ट ने कहा कि इसे शहर का संवादी बनाने के लिए प्रश्नोत्तर सत्र को मुख्य सत्र के बराबर ही समय देना चाहिए। प्रश्नोत्तर के माध्यम से संवाद और बेहतर बनेगा।