गन्ना कम बोने की सलाह देने पर सियासी गर्माहट, विपक्ष ने योगी को कहा किसान विरोधी
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना बोआई कम करने की सलाह पर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विपक्ष नेताओं ने मुख्यमंत्री को किसान विरोधी करार दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ने की बोआई कम करने की सलाह को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विपक्ष नेताओं ने मुख्यमंत्री को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि पूंजीपतियों की हितचिंतक भाजपा को जनता सबक सिखाने का इंतजार कर रही है। इस मामले में किसान संगठन भी विपक्ष के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का किसान विरोधी चेहरा अब हर दिन उजागर होता जा रहा है। गन्ना किसानों को दी मुख्यमंत्री की सलाह के पीछे किसानों को अपमानित करने की मानसिकता है। अब किसानों को कम गन्ना खेती करने का सुझाव दिया जा रहा तो आने वाले दिनों में आलू, गेंहू, धान व मक्का बोने वालों को भी नया फरमान सुनाया जा सकता है। भाजपा चाहती है कि किसानों को रोजी-रोटी और जमीन से बेदखल करके कार्पोरेट घरानों को सौंप दी जाए। पाकिस्तान का विरोध करने वाली भाजपा अरबों रुपये की चीनी वहां आयात कराती रही है। आक्रोशित किसान 2019 में इसका जवाब देने को तैयार हैं।
सूटबूट वालों की भाजपा सरकार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने आरोप लगाया कि सूटबूट वालों की भाजपा सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश में किसान ही सर्वाधिक परेशान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान देते रहे है। किसानों के दर्द से भाजपा नेताओं को मतलब नहीं रहा वरन उनके जख्मों को कुरेदना उनकी आदत में शुमार है। राजबब्बर ने कहा कि गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों की विरोधी भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए जनता तैयार है।
जमीने हड़पने की नीयत
रालोद प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने आरोप लगाया कि किसानों का बकाया करोड़ों रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करने वाली भाजपा सरकार इधर-उधर बयानबाजी कर माहौल बिगाडऩे में लगी है। पूंजीपतियों की सरकार को किसानों की समस्याओं का न ज्ञान है और न उनके प्रति कोई संवेदना है। मुख्यमंत्री इस तरह के बयान देकर जमीने हड़पने की नीयत जता रहे है।