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लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में टूटा चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड, 53 मिलों में गन्ना पेराई जारी

लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड टूट गया है। 13 मई 2020 तक कुल 121.68 लाख टन चीनी उत्पादित हुई जो अब तक सर्वाधिक है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 10:04 PM (IST)
लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में टूटा चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड, 53 मिलों में गन्ना पेराई जारी
लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में टूटा चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड, 53 मिलों में गन्ना पेराई जारी

लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड टूट गया है। 13 मई, 2020 तक कुल 121.68 लाख टन चीनी उत्पादित हुई जो अब तक सर्वाधिक है। वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक 120.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश में अभी 53 मिलों में गन्ना पेराई जारी है, जिसके चलते 124 लाख टन चीनी उत्पादन होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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गन्ना आयुक्त संजय आर भूडरेड्डी ने बताया कि कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा में चीनी मिलों का संचालन प्रभावित नहीं हो पाने से गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में कीर्तिमान बनाने में कामयाबी मिली। नई व्यवस्थाओं के चलते किसानों को गत सत्र की तुलना में अधिक व व्यवस्थित ढंग से पर्चियां मिल पायीं। गत पेराई सत्र में 5.5 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गईं थीं, जबकि इस बार अब तक 6.13 करोड़ पर्चियां वितरित हो चुकी हैं।

उत्तर प्रदेश के 46.2 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों से अब तक 10,715.40 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा गया और 121.68 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। गत पेराई सत्र की सामान्य परिस्थितियों में 10,118.77 क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी और 116.36 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। भूसरेड्डी ने बताया कि इस सत्र में कुल 119 मिलों ने पेराई कार्य आरंभ किया था। अभी 53 मिलें सक्रिय हैैं। अपने क्षेत्र में गन्ना समाप्त होने के कारण 66 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी हैं। गत वर्ष इसी समय मात्र 30 मिलें चल रही थीं और 89 ने पेराई बंद कर दी थीं।

किसानों का गन्ना नष्ट न होने देंगे : राणा

गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन का श्रेय प्रदेश के किसानों व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण जैसी विषम परिस्थितियों में उनके कड़े निर्देश पर ही मिलों में गन्ना पेराई जारी रखी गई। मिलें संचालित रखने के लिए अन्य राज्यों से रॉ मटीरियल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। उन्होंने दावा किया कि किसानों का गन्ना नष्ट नहीं होने दिया जाएगा। खेतों में गन्ना मौजूद रहने तक उन क्षेत्रों में चीनी मिलें पेराई करती रहेंगी।


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