सरकारी इंजेक्शन बिगाड़ रहे मरीजों की सेहत, गड़बड़ी उजागर होनेे पर भी कार्रवाई नहीं Lucknow News
अब लखनऊ के सरकारी अस्पताल में आयरन सुकरोज इंजेक्शन में निकली गड़बड़ी। हुए वापसी के आदेश।
लखनऊ, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में घटिया दवा आपूर्ति का खेल जारी है। फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने में अधिकारी नाकाम हैं। कई दवा के नमूने फेल हो चुके हैं। बावजूद उन्हें ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया। वहीं अब आयरन सुकरोज इंजेक्शन के रिएक्शन का मामला उजागर हुआ है। मरीजों की हालत गंभीर होने पर उसके तत्काल वापसी का फरमान सुनाया गया है।
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन ने हरियाणा के पंचकुला स्थित मेसर्स अलायंस बायोटेक लिमिटेड को आयरन सुकरोज इंजेक्शन की आपूर्ति का करार किया है। ऐसे में उसे 174 अस्पताल, 853 सीएचसी समेत अन्य केंद्रों पर इंजेक्शन भेजने के निर्देश दिए गए। कंपनी ने 24 जनवरी से सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन आपूर्ति शुरू की। वहीं बैच नंबर एएजी-095 के इंजेक्शन का डोज मरीज को देते ही उसकी हालत गंभीर हो गई। यह घटना कई अस्पतालों में भी हुई। विभिन्न अस्पतालों के सीएमएस, जिलों के सीएमओ ने एक-दूसरे से संपर्क किया। इसके बाद ड्रग कॉर्पोरेशन को अधिकारियों ने पत्र लिखा।
इंजेक्शन चढ़ते बीपी-पल्स रेट गड़बड़
विशेषज्ञों के मुताबिक हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए मरीजों में आयरन सूक्रोज इंजेक्शन ग्लूकोज की बोतल में मिलाकर दिया जाता है। रामपुर और प्रयागराज के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन ग्लूकोज में मिलाकर चढ़ाया गया। इसके बाद मरीजों की अचानक पल्स रेट और बीपी सामान्य से नीचे आ गया। कई मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
इंजेक्शन वापसी का पत्र जारी
दोनों जनपदों के सीएमओ ने 12 सितंबर को ड्रग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को पत्र लिखा। कॉर्पोरेशन के प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रक 26 सितंबर को पत्र जारी किया गया। इसमें प्रदेश के सभी अस्पतालों से इंजेक्शन आयरन सूक्रोज तत्काल वापस करने का निर्देश दिया गया है।
बार-बार दवा हो रही फेल
- मेसर्स हिलर्स लैब ने चार जून 2019 को सरकारी अस्पतालों को फ्लूकोनाजॉल-150 एमजी की टैबलेट दीं। यह एंटी फंगल दवा है। 28 अगस्त को नमूना फेल पाया गया। -मेसर्स हिमालया मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड ने तीन नवंबर 2018 को रेनिटीडीन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन अस्पतालों को भेजा। इसका आईपी बैच नंबर एचएलआइ 849-के रहा। 27 जून 2019 को इंजेक्शन का नमूना लिया गया। जांच में फेल हो गया।
- छह जून 2019 को अस्पतालों में एंटीबायोटिक क्लॉक्सासिलीन सोडियम 250 एमजी एंटीबायोटिक कैप्सूल की आपूर्ति की। 25 जुलाई को कैप्सूल के नमूने लिए गए। इसमें बैच नंबर 19 सी-बीसी 018 फेल हो गया।
- 26 मार्च को अस्पतालों में एंटी बैक्टीरियल निओमाइसिन सलफेट, पोलीमिक्सिन-बी सलफेट एंड बेसीट्रेसिन जिंक पाऊडर की सप्लाई की गई। मेसर्स ग्रैंपस लैब्रोरेट्री ने दवा की आपूर्ति की। बैच नंबर जीएलईपी-181020 की दवा फेल हो गई।
- मेसर्स रिवत लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने सीरप ओनडेनसेट्रान ओरल सोल्यूशन की आपूर्ति की थी। इसके बैच नंबर आरओएसएस 9012, 9015, 9016, 9017 और 9018 की सीरप के नमूने फेल हो गए। 23 सितंबर को दवा वापसी का फरमान भेजा गया।