सीतापुर के एक छात्र ने ऐसे रचा खुद के अपहरण का ड्रामा
फीस जमा करने के लिए पांच हजार रुपये खर्च होने पर छात्र ने खुद के अपहरण की कहानी तैयार की और कानपुर से पिता को फोन कर खुदअपहृत होने की सूचना दी।
सीतापुर (जेएनएन)। कॉलेज में फीस जमा करने के लिए बाबा से लिए पांच हजार रुपये खर्च होने पर छात्र ने खुद के अपहरण की कथित कहानी तैयार कर ली। कानपुर से पिता को फोन करके खुद का अपहृत होने की सूचना दी। सूचना पाकर रात में एसपी व सीओ सदर थाने पहुंचे और पुलिस को छात्र की बरामदगी के निर्देश दिए। पुलिस व परिजन की सजगता से कानपुर के गंगाघाट थाने में तैनात आरक्षी ने छात्र को बुलाकर हरगांव पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस की पूछताछ में छात्र ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पुलिस ने लिखापढ़ी करने के बाद छात्र को उसके परिजन के सुपुर्द कर दिया।
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अपहरण कर कमरे में कैद
हरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम बहेरवा निवासी अमरेंद्र कुमार (20) पुत्र अवधशरण बाबा छविनाथ के साथ हरगां के तीर्थ वार्ड में रहता है। अमरेंद्र एसके पॉलीटेक्निक में सिविल इंजीनियर के तृतीय वर्ष का छात्र है। बुधवार को अमरेंद्र ने बाबा से फीस के नाम पर पांच हजार रुपये लिए थे। गुरुवार दोपहर को वह घर से मंदिर जाने के बहाने निकला लेकिन देर रात नहीं लौटा। रात दस बजे अमरेंद्र ने पिता अवधशरण के मोबाइल फोन पर कॉल करके बताया कि उसका अपहरण कर कमरे में कैद कर दिया गया था। किसी तरह छूटकर मैं आपको कानपुर से सूचना दे रहा हूं। बेटे के अपहरण की सूचना पर अवधशरण 20-25 ग्रामीणों के साथ हरगांव थाने पहुंचा। अवधशरण ने कानपुर के गंगाघाट थाने में तैनात रिश्तेदार आरक्षी को इसकी सूचना देकर अमरेंद्र को ढूंढने की मिन्नत की। आरक्षी ने यूपी 100 पर मैसेज करके अमरेंद्र को फोन किया तो रात में अमरेंद्र गंगाघाट थाने पहुंच गया। आरक्षी ने इसकी सूचना हरगांव पुलिस को दे दी।
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फीस के पैसे खर्च होने पर रचा ड्रामा
सूचना पाकर रात में एसपी मृगेंद्र सिंह व सीओ सदर उमाशंकर हरगांव थाने पहुंचे और पुलिस टीम को कानपुर के लिए रवाना किया। पुलिस टीम गंगाघाट थाने से अमरेंद्र को लेकर शुक्रवार सुबह हरगांव लौट आई। यहां पुलिस की पूछतांछ में अमरेंद्र कुमार ने इकबाल किया कि बाबा द्वारा दिए गए पांच हजार रुपये खर्च हो गए थे इसके लिए यह ड्रामा रचा था। पुलिस ने अवधशरण से आवश्यक कागजात पर हस्ताक्षर कराकर अमरेंद्र को उनके हवाले कर दिया। प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार राय ने परिजन द्वारा कार्रवाई न किए जाने के अनुरोध पर अमरेंद्र को उसके परिजन के सुपुर्द कर दिया है।
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