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सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक की द्वितीय पाली में प्रवेश पर संकट, अभ्यर्थियों की बढ़ी मुश्किलें

तैयारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने लिया फैसला। फैसले से 18 संस्थानों की पांच हजार सीटें होंगी कम।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 11:42 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 08:35 AM (IST)
सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक की द्वितीय पाली में प्रवेश पर संकट, अभ्यर्थियों की बढ़ी मुश्किलें
सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक की द्वितीय पाली में प्रवेश पर संकट, अभ्यर्थियों की बढ़ी मुश्किलें

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। आप यदि पॉलीटेक्निक में प्रवेश के लिए आवेदन कर चुके हैं और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं तो आपको थोड़ी और मेहनत करनी पड़ेगी। इस बार राजधानी लखनऊ के दो संस्थानों समेत प्रदेश के 18 सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थानों की द्वितीय पाली में एडमिशन नहीं होंगे। ऐसा होने से करीब पांच हजार सीटें कम हो जाएंगी। 

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संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से 26 मई को प्रदेशभर में प्रवेश परीक्षा होगी। ऐसे में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी। इस बार 1.42 लाख सीटों के लिए 4.40 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

शिक्षकों की कमी से लिया फैसला

संस्थानों में प्रवेश क्षमता के मुकाबले शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पिछले वर्ष नवंबर माह में रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के आधार पर सहायता प्राप्त संस्थानों की द्वितीय पाली पर रोक लगा दी गई थी। इसके विरुद्ध संस्थानों से अपना पक्ष भी रखने के लिए कहा गया था। 30 जनवरी को संस्थानों के प्रधानाचार्यों की ओर से अपना पक्ष रखा गया, जिसके आधार पर अब फैसला होना है। 

संस्थानों का पक्ष खारिज

सूत्रों के मुताबिक तकनीकी शिक्षा परिषद ने संस्थानों के पक्ष को खारिज कर दिया है। अगस्त से शुरू होने वाले नए सत्र से द्वितीय पाली में प्रवेश नहीं होंगे। प्रवेश पर रोक से करीब पांच हजार सीटें कम हो जाएंगी।

पॉलीटेक्निक संस्थानों पर एक नजर

  • सरकारी संस्थान : 126
  • निजी संस्थान : 468
  • सहायता प्राप्त : 18
  • कोर्स : 60
  • कुल सीटें : 1.42500 

क्या कहते हैं प्राविधिक शिक्षा परिषद? 

प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव एसके सिंह का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने प्रवेश पर रोक लगा दी है। दोबारा अपील की गई, लेकिन शिक्षकों की कमी बरकरार है। ऐसे में प्रवेश नहीं होंगे। हालांकि, अंतिम फैसला तकनीकी शिक्षा परिषद को करना है।


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