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Stubble Burning In UP: सीएम योगी के न‍िर्देश- पराली जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण, किसानों को जागरूक करें अफसर

Stubble Burning In UP यूपी में पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों से किसानों को जागरूक करने के न‍िर्देश द‍िए हैं। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Wed, 16 Nov 2022 07:28 AM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 07:28 AM (IST)
Stubble Burning In UP: सीएम योगी के न‍िर्देश- पराली जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण, किसानों को जागरूक करें अफसर
Stubble Burning In UP: प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के सीएम ने द‍िए न‍िर्देश

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Stubble Burning In UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलाने की घटनाओं से प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए घटनाओं की रोकथाम के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए।

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पराली जलाने की घटनाओं को रोकें अध‍िकारी

संवेदनशील गांवों में जिलास्तरीय अधिकारी कैंप करें। विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को ग्रामवार समन्वय स्थापित करने के लिए ड्यूटी पर लगाया जाए। उन्होंने खेत में पानी लगाकर एवं यूरिया का छिड़काव कर पराली को गलाने जैसे उपायों का प्रचार प्रसार करने का भी निर्देश दिया। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि हर जिले में पराली को गौशालाओं में पहुंचाया जा रहा है।

क‍िसानों को पराली दो, खाद लो कार्यक्रम से क‍िया जाएगा जागरूक

सभी जिलों में ‘पराली दो, खाद लो’ कार्यक्रम को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 16 बायोब्रिकेट और बायोकोल प्लांट स्थापित किए गए हैं। इन प्लांट्स पर भी पराली पहुंचाई जा रही है। कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर एसएमएस या फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र को अनिवार्य किया गया है।

पराली जलाना दंडनीय अपराध है

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। यूपी सरकार ने कहा कि किसानों को पराली जलाने के बजाय उन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए, जिनके जरिए पराली का निस्तारण कर उसे उपयोगी बनाया जा सके. सरकार कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी दे रही थी और कई किसानों ने इन मशीनों के जरिए पराली को कमाई का जरिया बना लिया था।

इन जिलों में पराली की घटनाएं शून्य

प्रदेश में कुछ ऐसे भी जिले हैं, जहां पराली जलाने की घटनाएं शून्य के बराबर है। इनमें वाराणसी, सोनभद्र, संत रविदास नगर, महोबा, कासगंज, जालौन, हमीरपुर, गोंडा, चंदौली, बांदा, बदायूं, आजमगढ़, अमरोहा और आगरा शामिल हैं।


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