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बुलंद हौसलों की उड़ान: अब लखनऊ के होमगार्ड का बेटा एशिया कप में दिखाएगा दम, चुनौतियों भरी संघर्ष की कहानी

लखनऊ जूनियर भारतीय टीम के डिफेंडर शारदानंद तिवारी बेंगलुरु साई सेंटर में एशिया के लिए कर रहे तैयारी। पिता 15 वर्षों से लखनऊ डीएम आवास पर हैं तैनात बेटे को ओलंपिक में खेलते देखना है सपना ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:19 AM (IST)
बुलंद हौसलों की उड़ान: अब लखनऊ के होमगार्ड का बेटा एशिया कप में दिखाएगा दम, चुनौतियों भरी संघर्ष की कहानी
लखनऊ: जूनियर भारतीय टीम के डिफेंडर शारदानंद तिवारी के पिता 15 वर्षों से लखनऊ डीएम आवास पर हैं तैनात हैं।

लखनऊ [विकास मिश्र]। जब परिवार में दो जून की रोटी और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी आर्थिक संकट हो तो कोई मां-बाप शायद अपने बच्चे को खिलाड़ी बनाने के बारे में नहीं सोचेगा। लेकिन, लखनऊ के एक होमगार्ड पिता ने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के दम पर अपने बेटे को अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बनाकर ऐसे लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो विपरीत परिस्थिति का बहाना बनाकर बीच सफर में ही अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। हम बात लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी शारदानंद तिवारी के बारे में बात कर रहे हैं जो इन दिनों साई सेंटर लखनऊ में आगामी एशिया कप के लिए पसीना बहा रहे हैं। 

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दैनिक जागरण से खास बातचीत में जूनियर भारतीय टीम के डिफेंडर शारदानंद तिवारी बताते हैं, वर्ष 2014 की बात है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में एक मैच देखने गया था। तब मुझे यह नहीं पता था कि कभी हॉकी खिलाड़ी बनूंगा। परिवार में पैसे की दिक्कत रहती थी। लेकिन, मन शांत नहीं हुआ तो पिता जी से बात की। हालांकि, हिचकते हुए उन्होंने तैयारी करने की अनुमति दे दी। शारदानंद बताते हैं, पिता जी का हिचकना स्वाभाविक था, क्योंकि वह चाहते थे कि मैं पढ़कर जल्द ही कोई नौकरी पा जाऊं। कुछ समय तक मैंने केडी सिंह बाबू सोसायटी में ट्रेनिंग की। यहां मेरे खेल को देखकर लोगों ने तारीफ की। इससे मेरा मनोबल बढ़ा।

वर्ष 2016 में साई सेंटर में मिला प्रवेश: शारदानंद ने वर्ष 2016 में साई सेंटर लखनऊ के लिए ट्रायल दिया। यहां इस युवा खिलाड़ी की तेजी और खेल को देखकर साई प्रबंधन प्रभावित हो गया और शारदानंद को प्रवेश मिल गया। 17 वर्षीय खिलाड़ी के करियर में यह अहम मोड़ साबित हुआ। यहां शानदार खेल की बदौलत महज तीन साल के भीतर ही शारदानंद को बड़ी कामयाबी मिली। पहले उन्हें जूनियर नेशनल के लिए उत्तर प्रदेश टीम में जगह मिली। इस चैैंपियनशिप में राज्य की टीम ने रजत पदक जीता। इसके अलावा उन्हें सीनियर नेशनल में भी यूपी टीम में चुना गया। हालांकि, इस टूर्नामेंट में उप्र की टीम कुछ कमाल नहीं कर सकी थी। वर्ष 2019 में मलेशिया में हुए सुल्तान जोहोर कप के लिए शारदानंद को जूनियर भारतीय टीम में जगह दी गई। यह टूर्नामेंट उनके लिए वरदान साबित हुआ। इस दिग्गज डिफेंडर ने यहां रजत पदक जीतकर खूब सुर्खियां बटोरी। यही नहीं, वर्ष 2020 में खेलो इंडिया में उत्तर प्रदेश के लिए गोल्ड जीतने में बड़ी कामयाबी हासिल की।

ओलंपिक में पदक जीतना बड़ा सपना: शारदानंद कहते हैं, हर खिलाड़ी की तरह मेरा भी सपना देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना है। इसके लिए मैं अभी से ही कड़ी मेहनत कर रहा हूं और उच्चस्तरीय ट्रेनिंग भी ले रहा हूं। शारदानंद इन दिनों साई सेंटर बेंगलुरू में जूनियर भारतीय टीम के साथ कैंप कर रहे हैं। यह कैंप आगामी जुलाई में बांग्लादेश में प्रस्तावित एशिया कप की तैयारी के मद्देनजर लगाया गया है।

यूपी हॉकी सचिव डॉ. आरपी सिंह के मुताबिक, शारदानंद पिछले काफी समय से बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। वह तेज और कलात्मक खेल की बदौलत प्रतिद्वंद्वी टीम के लिए घातक साबित होते हैं। उम्मीद है कि बांग्लादेश में भी यह युवा खिलाड़ी अपने खेल के जरिये टीम इंडिया को ट्रॉफी जीतने में मदद करेगा।


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