ट्रकों की हड़ताल लगातार जारी, माल न उठने से गुस्साये ट्रांसपोर्टरों ने कानपुर में किया पथराव
रेलवे गोदाम में डंप लाखों रुपये की सीमेंट व खाद को हड़ताली व्यवसायियों ने उठान के लिए सहमति दे दी। इससे कारोबारियों पर रोजाना तीस लाख रुपये तक पेनाल्टी पड़ रही है।
लखनऊ (जेएनएन)। ट्रकों की हड़ताल ने सातवें दिन कानपुर में उग्र रूप ले लिया। गुस्साए ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने ट्रकों पर पथराव कर वाहनों को शीशे तोड़ दिए। इधर लखनऊ में माल की बराबर आमद बने रहने से थोक गल्ला मंडी में अनाज की कीमतों में अंतर नहीं दिखा। आढ़तियों के अनुसार अरहर की दाल पचास रुपये प्रति क्विंटल और सस्ती हो गई है। यही हाल सब्जियों का है।
कानपुर में हाईवे पर व्यवसायियों ने ट्रकों पर पथराव किया। कई चालक भी प्रदर्शनकारियों के शिकार बने। हड़ताल के चलते बाजार में एक हजार करोड़ का माल डंप हो गया है। हालांकि रेलवे गोदाम में डंप लाखों रुपये की सीमेंट व खाद को हड़ताली व्यवसायियों ने उठान के लिए सहमति दे दी। इससे कारोबारियों पर रोजाना तीस लाख रुपये तक पेनाल्टी पड़ रही है।
राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में गल्ला व्यवसाय के भाव में कोई तेजी नहीं आई है। अभी तक जो माल आसपास नहीं जा पा रहा था वह भी अब छोटे वाहनों से भेजा जा रहा है। हालांकि लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार छाबड़ा ने हड़ताल को सफल बताया है। ट्रांसपोर्टनगर से ट्रक आपरेटरों ने वाहन रैली निकाली। अवध ट्रक आपरेटर ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने ट्रांसपोर्टरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हड़ताल से किनारा कर लिया है।
अध्यक्ष कर्मवीर आजाद एवं संजय जौहर ने कहा कि ट्रांसपोर्टर हड़ताल के नाम पर ट्रक चालकों से मारपीट की जा रही है। गाडिय़ों के पेपर छीन वापस करने के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है। लिहाजा एसोसिएशन मौरंग, बालू और गिट्टी के कारोबार से जुड़े लोग अब इस हड़ताल के पक्ष में नहीं हैं।