मांगों पर सरकार से सहमति के बाद काम पर लौटे लेखपाल, हड़ताल स्थगित
लेखपालों के कैडर को मंडल स्तरीय रखते हुए उनके अनुरोध पर पूरे सेवाकाल में एक बार गृह मंडल के किसी जिले में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
लखनऊ (जेएनएन)। जनसेवा केंद्रों पर ई-डिलिवरी के तहत बनाये जाने वाले आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र आदि की खातिर लिये जा रहे यूजर चार्जेज में से पांच रुपये लेखपालों को आवेदन पत्रों की प्रिंटिंग आदि खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए दिये जाएंगे। वहीं यह भी तय हुआ है कि लेखपालों के कैडर को पहले की तरह मंडल स्तरीय रखते हुए उन्हें उनके अनुरोध पर पूरे सेवाकाल में एक बार गृह मंडल के किसी जिले (गृह जिले को छोड़कर) में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय और अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार के साथ मंगलवार को हुई बैठक में इन बिंदुओं समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद उप्र लेखपाल संघ ने बीती तीन जुलाई से जारी कार्य बहिष्कार व आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है। लेखपाल अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर बीती तीन जुलाई से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर थे।
बैठक में लेखपालों को निर्वाचन कर्मी घोषित करने व उससे संबंधित बीमा सुविधा व भत्तों को लेकर भी सैद्धांतिक सहमति बनी और इस बारे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को प्रस्ताव भेजने पर रजामंदी हुई। क्रॉप कटिंग के लिए लेखपालों का मानदेय 40 से बढ़ाकर 80 रुपये करने पर भी सैद्धांतिक सहमति बनी। लेखपालों के प्रशिक्षण की एक साल की अवधि को उपयुक्त मानते हुए इसमें बदलाव का औचित्य नहीं पाया गया। लेखपालों को लैपटॉप व स्मार्टफोन देने के बारे में राजस्व परिषद को शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया गया। तहसीलों में लेखपालों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर भी दोनों पक्ष सहमत हुए। लेखपाल संघ की बाकी मांगों पर मुख्य सचिव के साथ चार जुलाई को हुई बातचीत में निकले निष्कर्षों पर भी दोनों पक्ष सहमत थे।
बैठक के बाद उप्र लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि संगठन की मांगों को लेकर सरकार के सकारात्मक रुख को देखते हुए आंदोलन को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।