UP के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, छुट्टियों के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर; एक बार में 30 CCL
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 5.5 लाख शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें छुट्टियों के लिए शिक्षाधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और छुट्टियों को लेकर उनसे की जाने वाली वसूली भी खत्म हो जाएगी। शासन ने स्कूली शिक्षा महानिदेशालय के छुट्टियों के सरलीकरण से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अवकाश के लिए अब शिक्षाधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। यही नहीं छुट्टियों को लेकर उनसे की जाने वाली वसूली भी खत्म होगी। साढ़े पांच लाख शिक्षकों व कर्मियों को इससे बड़ी राहत मिल गई है।
महिला शिक्षकों व कर्मियों को बाल्य-देखभाल अवकाश (सीसीएल) व मातृत्व अवकाश के लिए शपथ पत्र नहीं देना होगा। वहीं एक बार में अब 30 दिनों की सीसीएल मिलेगी। शासन ने स्कूली शिक्षा महानिदेशालय के छुट्टियों के सरलीकरण से संबंधित प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है।
मंगलवार को महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक मातृत्व अवकाश व सीसीएल लेने पर महिला शिक्षिका व कर्मियों को शपथ पत्र देना होता था कि वह कितनी छुट्टियां ले चुकी हैं और कितनी बाकी हैं। अब यह पूरी व्यवस्था आनलाइन होगी। वहीं सीसीएल भी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) व बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की मनमर्जी पर निर्भर होता था। यही नहीं इसे लेकर घूसखोरी की भी शिकायतें सामनें आती थी।
अब एक बार में सामान्यत: अधिकतम 30 दिन का अवकाश अवश्य स्वीकृत करना होगा। अगर शिक्षिका जनगणना, आपदा, चुनाव, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी व विद्यालयी परीक्षा की अवधि व उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों के लिए प्राप्त आवेदनों पर बीईओ व बीएसए अपने स्तर पर निर्णय लेंगे। बाकी सामान्य स्थिति में उन्हें अनिवार्य रूप से एक बार में 30 दिन का अवकाश देना ही होगा।
पूरे सेवाकाल में छह-छह महीने का दो बार मातृत्व अवकाश व दो वर्ष की सीसीएल दी जाती है। उधर अब सभी शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मेडिकल अवकाश में भी राहत दे दी गई है। मेडिकल अवकाश के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र के लिए अभी तक एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों का ही चिकित्सा प्रमाण पत्र ही मान्य होता था।
अब रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स (आरएमपी) यानी पंजीकृत स्वास्थ्य व्यवसायी का भी चिकित्सा प्रमाण पत्र मान्य होगा। ऐसे शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश में शासन स्तर व राज्य स्तर के सक्षम अधिकारी के आदेश पर ही अर्जित व उपार्जित अवकाश मिलेगा।
अभी तक इन्हें यह अवकाश मिल रहे थे और इसके लिए कोई सक्षम अधिकारी भी तय नहीं था। वहीं अभी तक प्रतिकर अवकाश भी दिया जा रहा था। अब निर्बन्धित, प्रतिकर व अध्ययन अवकाश के साथ ही प्रतिकर अवकाश भी नहीं मिलेगा।