इनकी बगिया का हर आम 'खास', हर साल कमाते हैं 70 से 80 लाख
महोत्सव में लगाई जीत की हैटिक। 60 एकड़ में 300 किस्मों के आम। बागबानों के लिए लगाते हैं पाठशाला। राज्यपाल राम नाईक ने की मुलाकात।
लखनऊ[जितेंद्र उपाध्याय]। आम का नाम आते ही एक अलग खुशबू और स्वाद का अहसास होता है। आम के इसी स्वाद व अहसास में बदलाव कर एससी शुक्ला ने हर आम को 'खास' बना दिया। मलिहाबाद, नरौना, माल और पारा में 60 एकड़ के बाग में 800 टन आम उत्पादन करने वाले एससी शुक्ला बागबानों को कम लागत में अधिक मुनाफे का सबक भी सिखाते हैं। 300 से अधिक प्रजातियों के साथ उत्कृष्ट पैकिंग कर माल में आम की ब्राडिंग की। साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए कम मिठास वाली आम की प्रजाति भी विकसित की। आइए आपको एससी शुक्ला की एक बगिया की सैर कराते हैं।
हरदोई रोड स्थित आठ बीघे के बाग में हर प्रजाति का आम मिल जाएगा। देशी आम के साथ दक्षिण अफ्रीका की प्रजाति 'सेंसेशन' की खुशबू लोगों को ठहरने पर मजबूर करती है। 'टॉमी एंटकिन' का केसरिया लाल रंग अपनी चमक तो दिखाता ही है, साथ ही मधुमेह रोगियों की खास पसंद भी बन गया है। 'बारामासी' आम अपनी अलग खासियत के बल पर बाग की शोभा बढ़ाता है। 'दशहरी' के साथ 'आम्रपाली', 'रामकेला', 'अरुणिका', 'अरुणिमा', 'कृष्ण भोग', 'मोहन भोग', 'नाजुक बदन' व 'नीलम' जैसी 300 से अधिक प्रजातियों के आम बगिया में लगे हैं।
महोत्सव में लगाई जीत की हैटिक:
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से सर्वाधिक आम की प्रजातियों का प्रदर्शन करने वाले एससी शुक्ला ने इस वर्ष भी प्रथम पुरस्कार की हैटिक लगाई। कामयाबी में पत्नी उमा शुक्ला व बेटे सुमित का सहयोग मिला। एससी शुक्ला हर वर्ष आम की नई प्रजाति विकसित करने में लगे रहते हैं। बिजनेसमैन पिता श्रीराम शुक्ला को देख बागवानी का शौक ऐसा चढ़ा कि उसी को जीवन का आधार बना लिया। एससी शुक्ला कहते हैं कि 'आम के आम गुठलियों के दाम' का फामरूला मैंने खुद पर लागू किया। बाग से हरियाली का सपना पूरा हुआ और आम को बेचकर आर्थिक उन्नति का रास्ता बना। बाग से हर वर्ष 70 से 80 लाख रुपये कर आमदनी होती है। बिना गुठली के जामुन और औषधीय पौधे भी आकर्षण का केंद्र:
उनकी बगिया में केवल आम ही नहीं हैं बल्कि कई तरह के पौधे मौजूद हैं। इसमें बिना गुठली वाला जामुन, बादाम, रुद्राक्ष, दालचीनी, चंदन व हींग सहित कई औषधीय व दुर्लभ पौधे शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहा पत्र भेजकर उनकी सराहना की, तो राज्यपाल राम नाईक, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, स्वामी रामदेव जैसे कई राजनेता व धर्मगुरु उनकी बाग में पौधे लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ बागबान का सम्मान देकर उनका हौसला बढ़ाया।