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उम्र से नहीं दिल से होती है खूबसूरती

45 से 65 वर्ष की आयु में भी महिलाएं हैं फिट और एक्टिव। ब्यूटी काटेस्ट में भाग लेने को लेकर हैं उत्साहित।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 May 2018 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 05 May 2018 12:17 PM (IST)
उम्र से नहीं दिल से होती है खूबसूरती
उम्र से नहीं दिल से होती है खूबसूरती

लखनऊ[राफिया नाज]। सौंदर्य प्रतियोगिता का नाम जेहन में आते ही खूबसूरत और युवा चेहरे सामने आ जाते हैं, वहीं अगर रैंप पर आपको 45 से 65 वर्ष की औरतें वॉक करती नजर आएं तो हैरानी होगी। घर, परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी में डूबी हुई इन महिलाओं के लिए खूबसूरती की परिभाषा उम्र नहीं बल्कि दिल है। गंगा प्रसाद मेमोरियल सोसाइटी की ओर से आयोजित क्वीन ऑफ अवध सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में सेलेक्ट हुईं गृहिणी और वर्किंग वूमेन से खास बातचीत।

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अनोखी है यह शुरुआत

संस्था की निदेशक कविता शुक्ला ने बताया कि हमारी संस्था वृद्धों के लिए काम करती है। तभी हमें भी यह ख्याल आया कि युवाओं के लिए तो कई तरह की सौंदर्य प्रतियोगिताएं होती हैं। कभी बुजुर्गो के लिए कुछ नहीं किया जाता है। चार जून से इन 25 चुनी हुई महिलाओं की ग्रूमिंग क्लासेज दी जाएंगी। जिसमें इन्हें बात करने और रैंप वॉक आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं चार जून को ग्राड फिनाले होगा। असली सौंदर्य तो आत्मा का होता है

एक निजी कॉलेज में इंग्लिश की लेक्चरर 50 वर्षीय मधु अरोरा ने बताया कि मैंने कॉलेज के दिनों में कुछ एक्टिविटी की थी। इतने समय बाद जब मैं रैंप पर उतरी तब भी मैंने बहुत अच्छे से किया। अभी भी मैं घर पर रैंप वॉक करने की प्रैक्टिस कर रही हूं। जब तक आप अंदर से खुश नहीं होंगे आप खूबसूरत नहीं दिखेंगे। बॉडी लैंग्वेज, हेल्थ और आत्मविश्वास कई चीजें हैं जो आपको खूबसूरत बनाती हैं। कॉलेज और घर के बीच भी मैं अपने लिए समय निकालती हूं और योग करती हूं। वॉक भी करती हूं। जिंदगी अभी बाकीहै

गृहिणी अनीता शर्मा अक्सर महिलाएं 45 की आयु में खुद को समझने लगते हैं कि जिंदगी खत्म हो गई हैं। खूबसूरती का पैमाना चेहरा नहीं होता। हर उम्र में इंसान को एक्टिव रहना चाहिए। जब मुडो इस प्रतियोगिता में भाग लेने का ऑफर दिया गया तो मुडो बहुत ज्यादा खुशी हुई। ऐसा लगा कि मैं खत्म नहीं हुई। आपका मन खूबसूरत होना चाहिए, हेल्पिंग नेचर होना चाहिए।

केवल साज-सज्जा जरूरी नहीं

गृहिणी आशा द्विवेदी ने बताया कि कोई भी काम शुरू करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है। यह सोचना कि मेरी उम्र हो गई है अब मैं नहीं कर सकती हूं, ऐसा नहीं होना चाहिए। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मेरे पति ने भी साथ दिया। बच्चे भी इसे लेकर बहुत खुश थे। खूबसूरत दिखने के लिए साज सज्जा जरूरी नहीं है। आप अगर किसी को खुशी बाटें तो भी अच्छा महसूस करते हैं। खुद के लिए अच्छा महसूस करना भी खूबसूरती है।

सेहत से होती है सुंदरता

सीपीडब्ल्यू में सीनियर हंिदूी ऑफिसर ज्योति मिश्र ने बताया कि इतने समय बाद मैंने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया। शादी के बाद ही पढ़ाई पूरी की और जॉब में सेलेक्शन हुआ। मेरे लिये खूबसूरती की परिभाषा हेल्थ है। जब तक आप हेल्थी नहीं रहेंगे आप खूबसूरत नहीं दिखेंगे। मैं आजतक कभी पार्लर भी नहीं गई, कभी मेकअप भी नहीं किया। परिवार की देखभाल के साथ आपको खुद के लिए भी समय निकालना चाहिए।

हर उम्र में रहें एक्टिव

50 वर्षीय गृहिणी काति मुगदल ने बताया कि 40 से 45 की उम्र में आते-आते महिलाओं की जिंदगी पति, घर और बच्चों में बंट जाती है। महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए और हर उम्र में फिट और एक्टिव रहना चाहिए। सामाजिक सारोकारों से जुड़ना चाहिए। एक्टिव रहने से आप अपने आप खूबसूरत लगते हैं। सौंदर्य प्रतियोगिता के आगे के राउंड के लिए हमें ग्रूमिंग क्लासेज दी जाएगी।


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