स्कूल खुलते ही बच्चों के साथ बदले मम्मियों के शेड्यूल
कहीं ब'चों संग माताएं ले रहीं प्रशिक्षण तो किसी ने शुरू की है कार्यशाला। अब बदल जाएगा हॉबी क्लासेज का समय।
लखनऊ[दुर्गा शर्मा]। घर और बाहर की जिम्मेदारी के बीच शौक का भी अपना स्थान है। गर्मियों की छुट्टिया इसी शौक को पूरा करने का भरपूर मौका लेकर आती हैं। खासकर महिलाओं के लिए यह अपने हुनर को और निखारने का सुनहरा अवसर होता है। शहर की महिलाओं ने भी इस मौके का भरपूर लाभ उठाया। कुछ ने अपनी कला को औरों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू किया। वहीं कुछ ने हॉबी क्लासेज ज्वाइन कीं। अब छुट्टिया खत्म और बच्चों के स्कूल शुरू हो रहे हैं। ऐसे में बदले शेड्यूल के साथ मम्मिया अपनी क्लासेज जारी रखने की तैयारी में हैं। स्कूल खुलते ही बदले शेड्यूल : - मीनल अग्रवाल बताती हैं कि बेटी आशीर्या के साथ मिलकर इन्होंने घर पर ही हॉबी क्लासेज शुरू की हैं। अभी सुबह 10 से 12 बजे तक क्लासेज चलती हैं। 10 बच्चे और चार महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं। एक जुलाई के बाद से प्रशिक्षण का समय 4 से 6 बजे हो जाएगा। मीनल बताती हैं, गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मा और बच्चों दोनों के पास भरपूर समय होता है। लिहाजा इस दौरान रौनक रहती है। अब स्कूल खुलते ही थोड़े बदलावों के साथ क्लासेज चलाएंगे। सुबह की क्लासेज को शाम में बदलेंगे।
प्रशिक्षण : स्केचिंग, पेंटिंग, एरोबिक्स, मेहंदी, फ्लावर मेकिंग, नृत्य और योग।
- डॉ. शिखा जैन वर्किंग लेडी हैं। साथ में डास और एरोबिक्स क्लासेज भी करती हैं। बेटा कार्तिक नौ और बेटी विधि आठ साल की है। शिखा बताती हैं, बच्चों के साथ-साथ मुझे भी डास का शौक है। लिहाजा गर्मियों की छुट्टियों में हॉबी क्लासेज ज्वाइन किया। दो जुलाई से बच्चों के स्कूल खुल रहे हैं। इसके बाद इवनिंग क्लासेज जाना शुरू करेंगे। भले ही समय कम करें पर क्लासेज नहीं छोड़ेंगे। - एरोबिक्स का प्रशिक्षण ले रहीं स्वाती अग्रवाल गृहिणी हैं। बेटी रिषिता (8) और बेटा अर्थव (4) है। स्वाती बताती हैं, गर्मियों की छुट्टियों में मैंने एरोबिक्स और बेटी ने डास क्लास ज्वाइन की। शादी के बाद यह पहला मौका था जब कोई हॉबी क्लास ज्वाइन किया। एरोबिक्स फिट रखता है। लिहाजा इसे नियमित करते रहेंगे। अभी सुबह की क्लासेज करते हैं। दो जुलाई से बेटी के स्कूल से आने के बाद क्लासेज करने जाएंगे। ब्रेक के बाद फिर मिलेंगे :
श्रद्धा सक्सेना ने मम्मियों और बच्चों के लिए बॉलीवुड और फ्री स्टाइल डासिंग के साथ ही लोक नृत्य और हारमोनियम की क्लासेज शुरू की। श्रद्धा खुद भी कथक प्रशिक्षु हैं। बेटी सात साल और बेटा 11 साल का है। कहती हैं, बच्चों के स्कूल शुरू होने के बाद ज्यादा समय नहीं मिल पाता। लिहाजा सर्टीफिकेट वितरण के साथ फिलहाल कार्यशाला बंद कर दी है। स्कूल खुलने के शुरुआती दिन थोड़ा व्यस्त होते हैं। 20 जुलाई से फिर से क्लासेज शुरू करेंगे।