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MahaShivratri 2020 : अनोखा है भोले की ठंडाई का स्वाद, डाले जाते हैं 18 प्रकार के मसाले

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर साहित्यकार अमृतलाल नागर तक विद्वानों का लगा रहता था जमावड़ा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:39 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:39 AM (IST)
MahaShivratri 2020 : अनोखा है भोले की ठंडाई का स्वाद, डाले जाते हैं 18 प्रकार के मसाले
MahaShivratri 2020 : अनोखा है भोले की ठंडाई का स्वाद, डाले जाते हैं 18 प्रकार के मसाले

लखनऊ [कुसुम भारती]। जब मौका हो महाशिवरात्रि पर्व का तो शिवजी के प्रिय पेय पदार्थ ठंडाई का जिक्र तो बनता है। इस मौके पर भगवान शिव के भक्त न केवल उनको ठंडाई का भोग अर्पित करते हैं, बल्कि प्रसाद के रूप में इसका सेवन भी करते हैं। 

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आम दिनों की अपेक्षा शिवरात्रि पर बढ़ती है भीड़

शहर की चुनिंदा ठंडाई की दुकानों पर आम दिनों की अपेक्षा शिवरात्रि पर स्वाद के शौकीनों की खासी भीड़ रहती है। इतना ही नहीं भगवान शिव के भक्त शहर भर में जगह-जगह स्टॉल लगाकर प्रसाद के रूप में ठंडाई बांटते हैं।

पांच मगज बढ़ाती है स्वाद

अमीनाबाद में मेहरा सिनेमा रोड स्थित करीब 50 वर्ष पुरानी शीतल ठंडाई के मालिक श्रीराम कहते हैं कि आम दिनों के मुकाबले शिवरात्रि और होली के दिन लोगों की अधिक भीड़  रहती है। ठंडाई तैयार करने में खरबूज, तरबूज, कद्दू, खीरा और ककड़ी के बीज जिसे पांच मगज कहते हैं, इनका प्रयोग होता है। ये पांचों मगज ठंडाई का स्वाद दोगुना करते हैं। इसके अलावा इसमें सौंफ, काजू, बादाम, पिस्ता, इलायची, गुलाब के फूल, खसखस के दाने सहित करीब आठ-दस प्रकार के मसाले भी डाले जाते हैं।

सेहत के लिए लाभदायक है ठंडाई

श्रीराम कहते हैं कि ग्राहकों के अलावा मैं भी खाना खाने के बाद रोज एक गिलास ठंडाई पीता हूं। उनके मुताबिक मेवायुक्त ठंडाई सेहत के लिए लाभदायक है। इसके नियमित सेवन से आंख की रोशनी और पाचन क्रिया भी ठीक रहती है।

कई हस्तियों ने चखा स्वाद

चौक स्थित राजा ठंडाई की दुकान देश ही नहीं विदेश तक मशहूर है। इस दुकान के इतिहास से जुड़े तमाम किस्से आसपास के बुजुर्ग बताते हैं। चौक में आभूषण विक्रेता रामलाल दीक्षित कहते हैं कि पिछले 70 वर्ष से अब तक बहुत से बदलाव देखे। मगर ठंडाई की दुकान आज भी वैसी ही है बल्कि इसके शौकिनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। किसी जमाने में इस दुकान पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, साहित्यकार अमृतलाल नागर, भगवती शरण वर्मा, कुमुद नागर जैसे विद्वानों का जमावड़ा लगा रहता था।

विदेशी पर्यटकों ने चखा स्वाद

राजा ठंडाई के मालिक राजकुमार त्रिपाठी कहते हैं कि देश ही नहीं  लंदन, यूके, यूएसए, सऊदी अरब और पाकिस्तान आदि देशों के लोग भी यहां की ठंडाई का स्वाद चख चुके हैं।

डाले जाते हैं 18 प्रकार के मसाले  

राजकुमार बताते हैं कि ठंडाई में लगभग 18 प्रकार के मसाले डाले जाते हैं, जो इसका स्वाद बढ़ाते हैं। सौ वर्ष पुरानी इस दुकान में आज भी सिल-बट्टे पर मसाले पीसे जाते हैं और मलमल के कपड़े से छाने जाते हैं। काजू, बादाम, पिस्ता, खरबूज के बीज, काली मिर्च, सफेद काली मिर्च, केसर और गुलकंद के अलावा भी कई मसाले डाले जाते हैं। 


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