गुजराती कारीगर राममंदिर के लिए तराशेंगे पत्थर, आएंगे अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर के लिए कारीगरों की व्यवस्था में अहमदाबाद जाएंगे कार्यशाला प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा।
अयोध्या [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। विहिप के ही मॉडल पर राममंदिर बनेगा इससे आश्वस्त होने के बाद न्यास कार्यशाला में पत्थरों की तराशी का कार्य तेजी पकड़ेगा। पत्थरों को तराशने के लिए गुजरात से कुशल कारीगरों को अयोध्या लाया जाएगा। कारीगरों की व्यवस्था के लिए 20 से 22 फरवरी के बीच कार्यशाला प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा अहमदाबाद जाएंगे।
वर्षों से कार्यशाला के भीतर अन्नू भाई की देखरेख में ही शिलाएं राममंदिर के लिए आकार ले रही हैं। उनकी देखरेख में एक लाख घन फिट पत्थरों की तराशी का काम पूरा हो चुका है। अन्नूभाई भी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं कि जिस मॉडल को अपने दिलोदिमाग में लेकर वह वर्षों से मंदिर के लिए शिलाओं को गढ़ रहे हैं, उसी मॉडल के अनुरूप मंदिर निर्माण होना तय है। वयोवृद्ध अन्नू भाई कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की सफाई अपनी निगरानी में करा रहे हैं। पत्थरों की सफाई के लिए कार्यशाला में कंप्रेशर मशीन मंगाई गई है। पानी से सफाई के बाद
पत्थरों को केमिकल से साफ किया जाएगा
गत 23 से 29 जनवरी तक अयोध्या में विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय के प्रवास में पत्थरों की तराशी, नए पत्थरों
की आवक के साथ ही तराशे गए पत्थरों की शिङ्क्षफ्टग आदि ङ्क्षबदुओं पर मंथन हुआ। विहिप सूत्रों के अनुसार इन ङ्क्षबदुओं पर काफी कुछ तय हो चुका है। सात-आठ फरवरी तक चंपत राय सहित विहिप के वरिष्ठ सलाहकारों का फिर अयोध्या में जमावड़ा संभावित हैं, जिसमें चल रहे कार्यों की समीक्षा के साथ आगे की कार्ययोजना पर चर्चा होगी। एक लाख घनफिट पत्थर अभी और आने हैं, जिन्हें राजस्थान के भरतपुर में आरक्षित किया जा चुका है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि ट्रस्ट गठन की तिथि नजदीक है। मंदिर निर्माण विहिप के मॉडल पर ही होगा। ऐसे में पत्थरों की तराशी व अन्य कार्य वरिष्ठ विहिप नेताओं के मार्गदर्शन में चल रहा है। वहीं पत्थरों की तराशी के लिए अन्नू भाई की योजना 250 कारीगरों को पत्थर तराशी में लगाने की है, ताकि मॉडल के अनुरूप संपूर्ण पत्थर तराशी समय से पूर्ण हो सके। कारीगरों को थोड़ी-थोड़ी संख्या में अयोध्या लाया लाएगा।
संवारी जा रही कार्यशाला
मंदिर कार्यशाला को सजाने-संवारने का कार्य तेज हो गया है। वर्ष 1990 से कार्यशाला में कारपेंटर का कार्य देख रहे कृष्णनंदन भी काफी उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि मंदिर निर्माण उनका सपना था, जो साकार हो रहा है। ऐसे में कार्यशाला में रंगरोगन का कार्य तेज हो गया है। दरवाजों एवं परिसर की अन्य व्यवस्थाओं को दुुरुस्त किया जा रहा है। ताकि पत्थरों की आवक और तराशे गए पत्थरों की रवानगी सजे-संवरे परिसर से हो सके।