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सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने जा रहे है तो इसका रखें ध्यान

रविवार को वूमेन साइबर बुलिंग पर एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम के प्रतिनिधियों के साथ जस्टिस विक्रमनाथ मौजूद रहे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 08:49 AM (IST)
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने जा रहे है तो इसका रखें ध्यान
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने जा रहे है तो इसका रखें ध्यान

लखनऊ, (जेएनएन)। आज के दौर में हमारी निर्भरता साइबर संसार पर बहुत अधिक बढ़ गई है। बच्चे भी इसका धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इसके गलत इस्तेमाल से कैसे बचाएं..। वेबसाइटों का इस्तेमाल किस तरह करें..। साइबर वर्ल्‍ड के प्रति तमाम सवाल-जवाबों के बीच सोशल मीडिया एक मंच पर आया। होटल फॉर्च्‍यून में वूमेन पॉवर लाइन और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में वूमेन साइबर बुलिंग पर एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम के प्रतिनिधियों के अलावा लीगल एडवाइजर के अलावा जस्टिस विक्रमनाथ मौजूद रहे।

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वूमेन पावर लाइन में बीते साल महिलाओं ने करीब दो लाख साइबर बुलिंग की शिकायतें दर्ज करवाईं। इसी के चलते एडीजी, वूमेन पावर लाइन अंजू गुप्ता की पहल पर कॉन्फ्रेंस के जरिए डिजिटल लिट्रेसी पर बात की और इसके तकनीकी व संवैधानिक पहलू भी समझाए।

क्या है साइबर बुलिंग

इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके किया जाने वाला शोषण। इसमें किसी व्यक्ति के खिलाफ अफवाहें फैलाना, धमकी देना, सेक्सुअल कमेंट, पीडि़त व्यक्ति की पहचान जाहिर करना इत्यादि आता है। कई बार इसकी अधिकता से चपेट में आए व्यक्ति में कमजोर मनोबल, आत्महत्या की प्रवृत्ति तक आ जाती है। 

काम की हैं बात, यह भी जानें

अगर कोई अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए आपत्तिजनक संदेश या सामग्री भेजता है तो यह दंडनीय अपराध है। यह इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 72 के अंतर्गत आता है। इस एक्ट के मुताबिक यदि कोई किसी की निजी जानकारी को सार्वजनिक करता है या फिर उस जानकारी को अनैतिक व गैर कानूनी रूप से उसकी सहमति के बिना दूसरों के साथ साझा कर देता है तो उसे दो साल की सजा या एक लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है।

प्रमुख बिंदु, इस पर करें गौर

नेमिंग व शेमिंग से शुरुआत : किसी भी तरह की कोई शिकायत आने पर सबसे पहले आप उसकी पहचान उजागर करने की कोशिश करें। सबसे पहले संबंधित सोशल साइट या वूमेन पॉवर लाइन में शिकायत दर्ज कराएं।

अभिभावकों और अध्यापकों की अहम भूमिका : डिजिटल लिट्रेसी के लिए स्कूलों में समय-समय पर वर्कशॉप होती रहें। साथ ही शुरुआत में बच्चों को तकनीक से ज्यादा दोस्ती न करने दें। पूरी तरह से जानने के बाद ही किसी साइट का इस्तेमाल करें।

अपने गैजेट को जानें : कोई भी गैजेट या साइट का इस्तेमाल करने से पहले उसे पूरी तरह से जान लें। साथ ही ऐप्लीकेशंस का उपयोग समझने के बाद ही डाउनलोड करें।इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके किया जाने वाला शोषण। इसमें किसी व्यक्ति के खिलाफ अफवाहें फैलाना, धमकी देना, सेक्सुअल कमेंट, पीड़ित व्यक्ति की पहचान जाहिर करना इत्यादि आता है। कई बार इसकी अधिकता से चपेट में आए व्यक्ति में कमजोर मनोबल, आत्महत्या की प्रवृत्ति तक आ जाती है।


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