CBI संकट के लिए केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदारः मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सीबीआइ में जारी उठापटक को चिंताजनक बताते हुए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की।
लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआइ में जारी उठापटक को बेहद चिंताजनक बताते हुए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की। बसपा प्रमुख ने कहा कि ताजा घटनाक्रम से जनता में अनेक भ्रांतियां पैदा हो रही हैं। इस पर मीडिया में लगातार हो रही बहस से आम लोगों का सीबीआइ से भरोसा काफी डगमगाया है। सीबीआइ में गत कई दिन से जारी तनातनी के बाद सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अब यह मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष चला गया है, जो कि अच्छी बात है।
सीबीआइ में उठापटक बड़ी चिंता की बात
बुधवार को जारी बयान में मायावती ने कहा कि सीबीआइ में पहले से ही विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों के कारण काफी कुछ गलत होता रहा है। अब इस एजेंसी में जो उठापटक हो रही है, वह देश के लिए बड़ी चिंता की बात है। इस आपसी खींचतान के लिए अफसरों से ज्यादा सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकर की द्वेषपूर्ण, जातिवादी तथा सांप्रदायिकता आधारित नीतियों और कार्यों ने केवल सीबीआइ ही नहीं वरन हर उच्च सरकारी, संवैधानिक व स्वायत्त संस्था को संकट और तनाव में डाल रखा है।
सरकार पर राफेल-माल्या जैसे प्रकरणों के धब्बे
मायावती ने सेंट्रल विजीलेंस कमीशन (सीवीसी) की भूमिका पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को खुद लगे राफेल व विजय माल्या जैसे प्रकरणों के काले धब्बे तो अच्छे लगते है परंतु विपक्षी नेताओं के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग खूब किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ पर भरोसा बहाल करने के लिए जरूरी है कि न्यायालय इस मामले को विस्तार और प्रभावी रूप से संज्ञान ले।
राजबब्बर ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
सीबीआइ के शीर्ष अधिकारियों में जारी विवाद पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल लडाकू विमान घोटाला भी विवाद की जड़ में है। बुधवार को पार्टी कार्यालय में उन्होंने बताया कि सीबीआइ के एक अधिकारी द्वारा राफेल से जुड़े कागजात जुटाए जा रहे थे। जिसके चलते तकरार बढ़ी है। राजबब्बर ने कहा कि कांग्रेस शासन काल में सीबीआइ को सरकार का तोता बताने वालों के राज में क्या हो रहा है, यह किसी से छिपा नहीं? इस सर्वोच्च जांच एजेंसी का इतना दुरुपयोग कभी नहीं हुआ। राफेल घोटाले की तरह से सीबीआइ संकट पर भी प्रधानमंत्री मोदी का मौन दाल में बहुत कुछ काला होना सिद्ध करता है। देश की सर्वोच्च संस्थाओं की विश्वनीयता बहाल करना पहली बड़ी चुनौती है।
प्रधानमंत्री मोदी चुप्पी तोड़े: डा. मसूद
सीबीआइ में विवाद को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खामोशी तोड़ कर जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।डा. मसूद ने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकारों से आम जनता का भरोसा तेजी से उठता जा रहा है। नौकरशाहों की मनमानी लगाम लगा कर जनसामान्य को राहत देने में दोनों सरकारें नाकाम रही है। अराजकता की ऐसी स्थिति देश में कभी नहीं आई है। सुशासन देने में नाकाम रहे प्रधानमंत्री को फौरन चुप्पी तोडनी चाहिए।