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योगी सरकार में बंदर भगाने से लेकर हर समस्या का हल हनुमान चालीसा: सपा अध्यक्ष

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि धर्मगुरु अगर मुख्यमंत्री हैं तो बंदर भगाने से लेकर हर समस्या का हल हनुमान चालीसा है। आप विकास की उम्मीद न करें।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 08:23 AM (IST)
योगी सरकार में बंदर भगाने से लेकर हर समस्या का हल हनुमान चालीसा: सपा अध्यक्ष
योगी सरकार में बंदर भगाने से लेकर हर समस्या का हल हनुमान चालीसा: सपा अध्यक्ष

लखनऊ (जेएनएन)। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि धर्मगुरु अगर मुख्यमंत्री हैं तो बंदर भगाने से लेकर हर समस्या का हल हनुमान चालीसा है। ऐसे में आप विकास की उम्मीद न करें। अब तक इन्होंने उद्घाटन के सिवा किया ही क्या है? इनसे पूछिए कि जिन कार्यों का उद्घाटन कर रहे हैं, उनको किसने शुरू किया था? दो वर्ष तक ये मेरे कार्यों का ही उद्घाटन करते रहेंगे।

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स्वदेशी की चर्चा पर चीन से सर्वाधिक सामान 

सपा मुख्यालय में शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा कि चार वर्ष पहले स्वदेशी की बहुत चर्चा होती थी। फिर 'मेक इन इंडिया' का नारा दिया, पर सर्वाधिक सामान चीन से आ रहा है। उत्पादन क्षेत्र में लगे इंजीनियरों और कामगारों के हालात खराब हैं। दीपावली आने को है। मिठाई छोड़ बाजार में हर चीज सिर्फ चीन की मिलेगी। क्या हुआ स्वदेशी और 'मेक इन इंडिया' का?

खुदकुशी की घटनाएं कुंठित तंत्र का प्रमाण 

पुलिस कर्मियों द्वारा काली पट्टी बांधने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अगर किसी संस्था का गलत प्रयोग होगा तो नतीजे भी भुगतने पड़ेंगे। आज पूरा तंत्र कुंठित है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक खुदकुशी कर रहे हैं। खुदकुशी करने वाले ललितपुर के एसडीएम पर भाजपा के पक्ष में जमीन घोटाले का बड़ा दबाव था। वहां का डीएम इसके लिए दोषी है। शिक्षा मित्र और किसान भी खुदकुशी कर रहे हैं।

झूठ के सहारे चल रही सरकारें

सपा अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में केंद्र और राज्य की सरकार झूठ के सहारे चल रही है। विपक्ष की कौन कहे सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं है। सरकार से लेकर तंत्र तक में भारी असमंजस है। किसी को समझ में नहीं आ रहा है करना क्या है। लिहाजा लोग मौके की प्रतीक्षा में हैं।

खिसक चुकी जमीन

अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के नतीजे, गोरखपुर विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशियों की हार के डर से चुनाव टालना, इस बात का प्रमाण है कि भाजपा की जमीन खिसक चुकी है। हार की डर से चुनाव टालना या सपा के जीतने पर आगजनी, अलोकतांत्रिक है। इसके लिए वहां के जिम्मेदार जिला प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

सिर्फ गर्मियों में बोलते राज्यपाल  

कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल की खामोशी के सवाल पर अखिलेश का जवाब था कि मौसम बदल चुका है। वह तो गर्मियों में बोलते थे। अब तो मौसम सर्दियों का है। मुस्कराइए की अब आप लखनऊ में हैं के स्लोगन पर उनका जवाब था कि अब मुस्कराये तो गोली लग सकती है।


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