हाथ में मशाल लेकर सड़कों पर उतरे हजारों राज्य कर्मी, जुलूस निकाल दिलाई समझौतों की याद Lucknow News
21 जनवरी को मंडल मुख्यालय पर कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन। सरकारी चिकित्सालयों में दवाओं के लोकल परचेज पर भी लगी रोक।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्य सचिव से हुए समझौतों को लागू करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारियों ने गुरुवार को मशाल जुलूस निकाला। यह जुलूस नगर निगम मुख्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक निकाला गया। यहां कर्मचारियों ने सभा की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन बहाल करते हुए वेतन विसंगति दूर की जाए। भत्तों की समानता सहित मुख्य सचिव के साथ हुए समझौतों पर कार्रवाई की जाए। यह मशाल जुलूस राज्य कर्मचारी जनपद अध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव की अगुआई में निकाला गया। परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में हुई सभा में यह घोषणा भी की गई कि 12 दिसबंर को सभी जिलों में धरना दिया जाएगा। साथ ही 21 जनवरी को मंडल मुख्यालय पर कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे। इसी दिन ही अगले आंदोलन की घोषणा की जाएगी। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि चिकित्सा विभाग के फार्मासिस्ट, आप्टोमेट्रिस्ट, लैब टेक्निशियन सहित अन्य संवर्गों की वेतन विसंगति केंद्र सरकार द्वारा दूर की जा चुकी है, लेकिन समझौतों के बाद भी प्रदेश में अभी भी वेतन विसंगति लंबित है।
समझौतों के बावजूद कर्मचारियों की कैशलेस चिकित्सा अभी तक शुरू नहीं हो सकी जबकि पूर्व से मिल रहे चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी बजट के अनुदान की फेरबदल कर उसे और जटिल बना दिया गया। यहां तक कि सरकारी चिकित्सालयों में दवाओं के लोकल परचेज पर भी रोक लगा दी गई है। मशाल जुलूस में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा, नगर निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि मिश्रा, कैसर रजा, फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष, सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, सांख्यिकी सेवा संघ वन विभाग के अध्यक्ष डॉ. पीके सिंह, सहायक वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मो. नदीम महामंत्री अमित श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद रहे।