Ayodhya Ram Mandir: एसबीआइ ने ट्रस्ट को लौटाए रुपये, धोखाधड़ी कर खाते से निकाली गई थी रकम
ट्रस्ट के खाते से जालसाज ने फर्जी चेक के जरिए निकाली थी रकम। मामले में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
अयोध्या, जेएनएन। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से गत दिनों दो चेक से जालसाजी कर निकाले गए छह लाख रुपये भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को ट्रस्ट को वापस कर दिए। इसकी सूचना बैंक प्रबंधन ने ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय व सदस्य डॉ. अनिल मिश्र को दी है।
हालांकि, अभी भारतीय स्टेट बैंक को पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा से धनराशि मिलनी शेष है। एसबीआइ ने इन दोनों ही बैंक के उच्चाधिकारियों को धनराशि वापस करने के लिए पत्र भी लिखा है। ये रकम गत नौ सितंबर को लखनऊ के पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा से जालसाज ने फर्जी चेक सेे ट्रस्ट के खाते से निकाली थी। जब तीसरी बार खाते से नौ लाख 86 हजार रुपये निकालने का प्रयास हुआ तो भारतीय स्टेट बैंक की सतर्कता से मामला पकड़ा गया। मामले में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। बैंक खाते का संचालन करने में भूमिका निभाने वाले ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट के खाते से निकली पूरी रकम वापस आ गई है।
अब सिर्फ आरटीजीएस से भुगतान
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट के तीन खाते एसबीआइ में हैं। दान करने वाले रामभक्त बैंक के चालू व बचत खाते में दान की राशि जमा कर सकेंगे। तीसरा खाता भुगतान का है। इसमें धनराशि तभी जमा की जाएगी जब ट्रस्ट को भुगतान करना होगा। सुरक्षा कारणों से भुगतान अब चेक से नहीं, बल्कि आरटीजीएस से होगा।
मुंबई पहुंची श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से निकली रकम
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से चेक क्लोनिंग करके पार की रकम मुंबई पहुंच गई है। आरोपी का मुंबई कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस टीम धरपकड़ के लिए रवाना हो गई है। इस मामले में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने केस दर्ज कराया था। कोतवाल सुरेश पांडेय ने बताया कि प्रकरण में जांच चल रही है। अभी कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी। वहीं, आरोपी का मुंबई कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस टीम मुंबई रवाना हो गई है। जांच में पता चला है कि ठगी से रकम निकालकर मुंबई के पीएम फोर्ट इलाके में स्थित एक बैंक खाते में भेजी गई है। खाताधारक का पता लगाने के लिए पुलिस की अतिरिक्त टीम को लगाया गया है। डीआइजी दीपक कुमार ने पहले ही दिन इसकी पुष्टि की कर दी थी। सोमवार को जांच अधिकारी छानबीन के लिए मुंबई रवाना हुए। इस मामले में साइबर सेल के अतिरिक्त मुंबई पुलिस की भी मदद ली जा रही है।