निरीक्षण करते रहे खेल मंत्री चेतन चौहान, कोई समझ ही न सका
खेल मंत्री चेतन चौहान का ग्रीनपार्क में औचक निरीक्षण कई दिन से प्रस्तावित था। शुक्रवार दोपहर वह बिना प्रोटोकॉल जारी कराए स्टेडियम पहुंच गए। एक अतिरिक्त गाड़ी और दो गनर थे।
कानपुर (जेएनएन)। प्रदेश भी अब वीआइपी कल्चर खत्म होने की राह पर चल पड़ा है। इसकी तस्वीर शुक्रवार को खेल मंत्री चेतन चौहान दिखा गए। औचक निरीक्षण इतना वास्तविक था कि किसी को उनके कानपुर आने की भनक तक नहीं लगी। न लाव-लश्कर और न ही स्वागत व प्रोटोकॉल। उन्होंने ग्रीनपार्क स्टेडियम का आधा निरीक्षण कर लिया, तब उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को पता चला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वीआइपी कल्चर के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। जनप्रतिनिधियों को गाड़ी पर लाल बत्ती न लगाने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश को योगी सरकार के मंत्रियों ने भी संजीदगी से लिया है। शुक्रवार को इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी सभी ने देखा। खेल मंत्री चेतन चौहान का ग्रीनपार्क में औचक निरीक्षण कई दिन से प्रस्तावित था। शुक्रवार दोपहर वह बिना प्रोटोकॉल जारी कराए स्टेडियम पहुंच गए। काफिले के स्थान पर एक अतिरिक्त गाड़ी और दो गनर थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खेल मंत्री सीधे स्टेडियम परिसर में स्थित हॉस्टल पहुंचे।
कमरे और अन्य इंतजाम देखकर जब स्टेडियम में पवेलियन आदि का निरीक्षण करने आ रहे थे, तब यूपीसीए के पदाधिकारियों और अन्य स्टाफ को पता चला कि खेल मंत्री स्टेडियम में हैं। तब सभी पहुंचे और उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने स्टेडियम का निरीक्षण किया।सिर्फ स्टेडियम से जुड़ा स्टाफ ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन, पुलिस या भाजपा पदाधिकारियों को भी उनके आने और चले जाने तक कानों-कान खबर नहीं लगी। वह यह चर्चा जरूर छोड़ गए कि वीआइपी कल्चर खत्म होने की शुरुआत हो गई है।
कायाकल्प की जगा गए उम्मीद
खेल मंत्री चेतन चौहान ने हॉस्टल की इमारत और कमरों पर नाखुशी जाहिर की। कहा कि हॉस्टल ठीक नहीं है, यहां क्रिकेट का भविष्य रहता है। इसके सुधार का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। निर्माणाधीन प्लेयर्स पवेलियन और सी बालकनी के निर्माण की जानकारी ली। वीआइपी पवेलियन से सी ब्लॉक तक नए सिरे से कायाकल्प के लिए प्रस्ताव देने को भी कह गए। बोले, स्टेडियम के सुधार को जो भी जरूरत हो, वह प्रस्ताव भेजें। मैं खुद खिलाड़ी रहा हूं, इसलिए सब समझता हूं। निरीक्षण में यूपीसीए निदेशक एसके अग्रवाल, पियूष अग्रवाल, एचके वाधवा भी साथ थे।