आश्चर्य! 3-D Printer टेक्नोलॉजी से Implant कर सीधी की गई टेढी गर्दन
डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग में थ्रीडी प्रिंटर तकनीक से एक युवती की टेढ़ी गर्दन को सीधा कर दिया।
लखनऊ, जेएनएन। डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने पहली बार थ्रीडी प्रिंटर तकनीक से एक युवती की टेढ़ी गर्दन को सीधा कर दिया। रीढ़ की हड्डी की बीमारी सीवीजे(क्रेनियोवर्टिब्रल जंक्शन एनामली) से पीडि़त कल्पना को लोहिया संस्थान के चिकित्सकों ने नया जीवन दिया। करीब सौ किलो वजन वाले मरीज की सर्जरी में चिकित्सकों ने तकनीक से स्क्रू की मदद से हड्डी में इ प्लांट लगाए। सर्जन डॉ. दीपक सिंह के अनुसार देश में पहली बार इस तकनीक के माध्यम से रीढ़ की हड्डी में स्क्रू लगाए गए हैं।
एक ओर झुकी थी गर्दन
फैजाबाद निवासी 24 वर्षीय कल्पना के गर्दन के पिछले हिस्से में रीढ़ की हड्डी में समस्या थी। मरीज सीवीजे(क्रेनियोवर्टिब्रल जंक्शन एनामली) बीमारी से पीडि़त थी जिसकी वजह से उसकी गर्दन एक ओर झुक गयी थी और सीधी नहीं हो पा रही थी। रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कर उसकी गर्दन को सीधा किया जा सकता था।
ज्यादा वजन होने की वजह से हुई दिक्कत
डॉ. सिंह के अनुसार मरीज का वजन अधिक होने के कारण परा परागत तरीके से उसकी सर्जरी मुमकिन नहीं थी। इसी कारण तय किया गया कि इसके लिए 3डी प्रिंटर तकनीक का प्रयोग किया जाए। इस तकनीक में मरीज की रीढ़ की हड्डी एक मॉडल तैयार कियागया। उसी दौरान कम्प्यूटर में ही हड्डी में लगाए जाने वाले विशेष प्रकार के स्क्रू तैयार किए गए जो हड्डी के समान थे। इसके बाद सर्जरी की गयी जिसमें उन्हीं स्कू्र व कृत्रिम हड्डी को इ प्लांट किया गया। उन्होंने बताया कि अब कल्पना की गर्दन सीधी हो गयी और वह सामान्य रूप से अपनी गर्दन को घुमा सकेगी।