Move to Jagran APP

सेहत और कॅरियर के 'योग' से खुद को दिलाई पहचान

करें योग रहें निरोग। स्वास्थ्य की कुंजी के साथ उ"वल भविष्य का आधार। योग से जुड़ी शैक्षिक योग्यता ने दिलाई विशेष पहचान।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 12:42 PM (IST)
सेहत और कॅरियर के 'योग' से खुद को दिलाई पहचान
सेहत और कॅरियर के 'योग' से खुद को दिलाई पहचान

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। योग सेहत की सौगात के साथ बेहतर कॅरियर की भी कुंजी है। महज योगाभ्यास नहीं इससे तमाम कोर्स और डिग्रिया भी जुड़ी हैं। शहर में कई लोग हैं जिन्हें योग से जुड़ी शैक्षिक योग्यता ने विशेष पहचान दिलाई। सेना के जवान, इंजीनियर और डॉक्टर समेत तमाम वर्ग इन्हें 'योग गुरु' कहते हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शहर में होने वाले आयोजनों में भी यह अपनी भूमिका बखूबी निभाएंगे। सेहत और कॅरियर का यह अनूठा योग स्वस्थ समाज की नींव रख रहा है। दैनिक जागरण के संवाददाता की रिपोर्ट-

loksabha election banner

विज्ञान के विद्यार्थी का योग-प्रेम:

लविवि के मानव चेतना एवं यौगिक विज्ञान से एमए कर रहे प्रशात शर्मा बताते हैं, बचपन से बड़े भाई अरविंद का योग से जुड़ाव देखा। उनकी रुचि ने मुझमें भी योग के प्रति आकर्षण जगाया। आर्य समाज से आठवीं तक की पढ़ाई की। वहा हवन-पूजन और योग नियमित होता था। योगाभ्यास तो करते थे पर आगे की पढ़ाई विज्ञान विषय के साथ रही। डिप्लोमा फार्मेसी भी की। अस्पताल में इंटर्नशिप की। इस दौरान लगा कि हर कोई दवाई पर ही निर्भर है, जबकि जीवन शैली में सुधार के साथ ही निरोगी रहा जा सकता है। इसके लिए योग सवरेत्तम उपाय हैं। बस इसी सोच के साथ आगे की पढ़ाई के लिए योग को चुना। इंटरनेशनल योग फेस्ट (दिल्ली) और वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में भी भागीदारी की। जिम्मेदारी: अजरुन पार्क, जानकीपुरम में योग इंस्ट्रक्टर रहेंगे। साथ ही 30 जून तक सुबह 5:30 से 7 बजे तक योग प्रशिक्षण देंगे। बॉक्सर का योग में लगा मन:

बॉक्सर सुनील अब योग शिक्षक बन गए हैं। बताते हैं, चार साल पहले स्लिप डिस्क की समस्या हुई। फीजियोथेरेपी के लिए गए तो अधिकतर एक्सरसाइज योग जैसी लगीं। बस योग सीखना शुरू किया। अधिक जानकारी के लिए लविवि से योग पीजी डिप्लोमा किया। अभी उत्तराखंड से योग में एमए कर रहे हैं। साथ ही विकास नगर स्थित जिम में योग ट्रेनिंग देते हैं। अब तक 700 से ज्या दा लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। सुनील कहते हैं, योग बीमारी को भले ही पूरी तरह से ठीक न कर पाए पर रोग प्रबंधन में काफी सहायक है। शैक्षिक योग्यता: पीजी डिप्लोमा (योग)

जिम्मेदारी : प्रियदर्शनी केशवनगर पार्क में योग सिखाएंगे।

पिता जी ने जगाई योग की अलख :

वर्तमान में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विवि में बीएड डिपार्टमेंट में गेस्ट फैकल्टी (योग) हैं। अंजनी कुमार दूबे बताते हैं, पिता स्काउट टीचर थे। बचपन से ही रैली आदि में जाता रहा हूं। उन्हीं की प्रेरणा से योग से जुड़ा। बीएड पूरा किया तो पिता ने कहा योग शिक्षा या चिकित्सा के क्षेत्र में जाना चाहिए। पीजी डिप्लोमा, लविवि में दाखिला लिया। गुरु गोरक्षनाथ योग संस्थान, गोरखपुर में भी कार्यशाला की। पीएसी के जवानों और अधिकारियों को पाच साल तक योग कराया। न्यायिक अधिकारियों को तीन महीने ट्रेनिंग दी। केंद्रीय विद्यालय, गोमती नगर में एक साल तक काम किया। इंदिरा योग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर में एक महीने प्रभारी के रूप में रहा। शैक्षिक योग्यता : एमए मानव चेतना एवं यौगिक विज्ञान, पीजी डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी साइंस एंड योग, यूजीसी नेट इन योग आदि। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया और आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित योग प्रोफेशनल परीक्षा उत्तीर्ण (लेवल वन)। जिम्मेदारी : 21 जून को 17वीं बटालियन द आसाम रेजिमेंट द्वारा कैंट में आयोजित कार्यक्त्रम में योग कराएंगे।

इंजीनियरिंग के छात्र का मनोयोग : इलाहाबाद के मूल निवासी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र प्रशात शुक्ला का मन योग में ही रमा। प्रशात बताते हैं, 2012 की बात है। राजस्थान कोटा में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। अनियमित दिनचर्या और खान-पीन में लापरवाही के कारण तबीयत खराब हुई। इलाहाबाद वापस आ गया। इस दौरान गीता में योग के बारे में पढ़ा। स्वामी विवेकानंद की किताब कर्मयोग भी पढ़ी। बस योगाभ्यास शुरू कर दिया। किताबों और इंटरनेट पर दिए आसनों को खुद आजमाया। धीरे-धीरे औरों को भी योग से जोड़ना शुरू कर दिया। 2014 में सोनभद्र में योग ट्रेनिंग के दौरान बेस्ट योग शिक्षक का सम्मान मिला। लोग 'योग गुरु' कहने लगे। नेवी के जवानों को भी योग प्रशिक्षण दिया। विशाखापट्नम में पंजाब रेजीमेंट को एक महीने तक योग सिखाया। दिल्ली में आर्मी के जवानों को भी योगाभ्यास कराया। 100 से ज्यादा स्कूलों में योग सिखाया। 2016 में लखनऊ में 'प्रयास आरोग्यम् केंद्र' खोला। शैक्षिक योग्यता : योग में एमए, पीजी डिप्लोमा और 200 घटे टीचर ट्रेनिंग कोर्स। जिम्मेदारी: 25 दिव्याग बच्चों को योग प्रशिक्षण देकर राजभवन ले जाना है। साथ ही 10 साल से कम उम्र के 15 बच्चों को भी योगाभ्यास कराना है।

इनके समन्वय में प्रधानमंत्री संग शहर ने किया था योग: पहचान: एमएससी और पीएचडी इन योग। 65 शोध पत्र, 10 पुस्तकें। लेक्चरर (कोर फैकल्टी) इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन काशसनेस एंड यौगिक साइंसेज, लविवि। डॉ. अमरजीत यादव यूपी नेचुरोपैथी, योग टीचर्स एंड फिजिशियन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय योग कोर कमेटी, उप्र-2018 के सह संयोजक भी हैं। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़े हैं। गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में शहर में हुए योग दिवस कार्यक्त्रम में समंवयक रहे। बताते हैं, कक्षा आठ में थे तब से आध्यात्मिक विषय लुभाते रहे। इसमें योग के प्रति विशेष आकर्षण रहा। तब से शुरू सफर आज तक जारी है। जिम्मेदारी: 21 जून को डॉ. राममनोहर लोहिया पार्क, गोमती नगर में लोगों को योगाभ्यास कराएंगे। साथ ही 30 जून तक लोगों को निश्शुल्क योग प्रशिक्षण देंगे। सियाचिन ग्लेशियर में कराया योगाभ्यास :

शैक्षिक योग्यता: यूजीसी नेट ऑल इंडिया रैंक 4 (ओबीसी कैटेगरी), योग और फिलॉसफी में पीएचडी। मास्टर्स डिग्री, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी साइंस एंड योग, लविवि।

डॉ. राम किशोर प्रशिक्षित योग थेरेपिस्ट बताते हैं, 2008 में योग में मास्टर्स डिग्री पूरी की। जनवरी 2009 से पाच साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में योग एक्सपर्ट के रूप में काम करने का मौका मिला। सियाचिन ग्लेशियर जाकर जवानों को योगाभ्यास कराया। आर्मी वार कॉलेज, महू में ट्रेनिंग दे दी। एयर फोर्स के अफसरों को भी योग का प्रशिक्षण दिया। 2013 में लखनऊ वापस आया। 2017 में पीएचडी की। 'योग विज्ञान' शीर्षक से किताब लिखी। 'अमृत योग थेरप्यूटिक हीलिंग सेंटर' चला रहा हूं। राम किशोर कहते हें, योग अमृत है। यौगिक ग्रंथों के अनुसार यम-नियम, षट्कर्म (शोधन), आसन, प्राणायाम और ध्यान योग के मुख्य अभ्यास हैं।

ऐसे बना सकते हैं कॅरियर:

योग से जुड़ी कई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टीफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। बैचलर्स ऑफ आर्ट्स योग, मास्टर्स इन आर्ट्स योग, पीजी डिप्लोमा इन योग थेरेपी कोर्सेज की अच्छी माग है। बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंसेज भी किया जा सकता है। यहा आजमा सकते हैं किस्मत:

अकादमिक, रिसर्च, हेल्थ रिसॉर्ट, अस्पताल, जिम, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, हाउसिंग सोसाइटी, कॉरपोरेट घराने, लोग प्राइवेट योग ट्रेनर भी हायर करते हैं। योग एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योग टीचर एंड थेरेपिस्ट, नेचुरोपैथ और रिसर्च ऑफीसर के रूप में काम कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.