Army Day 2019: हर कदम सेना बन रही हमराह, शहर के जांबाजों ने बढ़ाया देश का मान
आतंकी ऑपरेशन, युद्ध के साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी मोर्चा लेती है सेना।
लखनऊ, [निशांत यादव]। कानपुर के पास मालवा स्टेशन के करीब 11 जुलाई 2011 को जब कालका मेल की भीषण दुर्घटना हुई, तब सेना के ही जवान थे जिन्होंने दिन-रात एक कर कई जानें बचाईं और यातायात को बहाल किया। पिछले महीने ही हरदोई के पास 23 दिसंबर को कोयला लदी मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रेलवे ने रूट बहाल करने के लिए सेना की मदद मांगी। सेना अपने हैवी व्हीकल के साथ पहुंची और मेजर राम कुमार के नेतृत्व में 14 गार्ड व 111 इंजीनियर रेजीमेंट के जवानों ने मलबा हटाकर रूट बहाल किया। कैप्टन मनोज पांडेय जैसे जांबाजों ने अपने प्राण न्योछावर करके कारगिल युद्ध में दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नाकाम किया। सेना दिवस ऐसे ही जांबाजों के पराक्रम से गर्व की अनुभूति कराता है। हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।
सेना के जवान सरहद पर दुश्मन से मोर्चा लेते हैं। वहीं प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। गोरखपुर में आई बाढ़ में सेना के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाया था। सेना कई मोर्चो पर एक साथ मुस्तैद रहती है। अपने रणकौशल को निखारने के लिए जहां सेना आधुनिक हथियारों से लैस हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के बबीना रेंज में रूस के साथ ऑपरेशन इंद्र, अमेरिका और नेपाल के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास कर सेना ने अपने कौशल का परिचय दिया। बांग्लादेश सेना के आर्मी चीफ जनरल अजीज अहमद ने लखनऊ का दौरा किया। जबकि श्रीलंका सेना के छह अधिकारियों के दल ने 15 से 21 जुलाई तक मध्य कमान के कई फॉर्मेशन का निरीक्षण किया। जबकि आसियान देशों की सेनाओं के चिकित्सा विशेषज्ञों ने लखनऊ में ही युद्ध और आपदा के समय बेहतर उपचार मुहैया कराने को लेकर मंथन किया।
वीरता पदक से सुशोभित सेना
सन् 1947 से लेकर अब तक हुए युद्ध में प्रदेश के चार जांबाजों को वीरता का सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र मिला। कैप्टन मनोज पांडेय को सन 1999 के कारगिल युद्ध, नायक जदुनाथ सिंह को 1948, हवलदार अब्दुल हमीद को 1965 और ग्रेनेडियर (अब सूबेदार मेजर) योगेंद्र सिंह यादव को 1999 के कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र मिला। जबकि कैप्टन जसराम सिंह को 1969, मेजर भूकांत मिश्र को 1985, ले. कर्नल हर्ष उदय सिंह गौड़ को 1995 और नायक नीरज कुमार सिंह को 2015 में अशोक चक्र दिया गया।
इसलिए मनाते हैं सेना दिवस
लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। तब से इस दिन पर उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया
सेना दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को छावनी में सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया गया। मध्य कमान युद्ध स्मारक स्मृतिका पर ले. जनरल (अवकाशप्राप्त) एएम वर्मा, ले. जनरल (अवकाशप्राप्त) एलवी पांडेय, वाइस एडमिरल (अवकाशप्राप्त) सुजान सिंह, एयर वाइस मार्शल (अवकाशप्राप्त) आरके दीक्षित और ग्रुप कैप्टन (अवकाशप्राप्त) एएसी कांडपाल ने श्रद्धांजलि दी। सेना चिकित्सा कोर केंद्र व कॉलेज में सिम्फनी के साथ समारोह का समापन हुआ। जहां मध्य कमान के सेनाध्यक्ष ले. जनरल अभय कृष्णा ने पूर्व सैनिकों के साथ मुलाकात की।
लखनऊ के शहीद
जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक शहर के 61 जांबाज युद्धों और ऑपरेशनों में शहीद हुए हैं। सन 1965, 1971 और 1999 के युद्ध में 32 जांबाज दिव्यांग हुए। कुल 27 जांबाजों को वीर चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्रदान किया गया।
- 1962 भारत-चीन युद्ध : 03
- 1965 भारत-पाक युद्ध : 04
- 1971 भारत-पाक युद्ध : 08
- 1999 भारत-पाक कारगिल युद्ध : 06
- आपरेशन रक्षक : 20
- ऑपरेशन पवन : 03