गांधी जयंती पर उत्तर प्रदेश विधानमंडल का दो दिनी विशेष सत्र, विपक्ष रहेगा गैरहाजिर
लखनऊ में विधान भवन में लगातार 36 घंटे चलने वाले इस सत्र की तैयारियों के लिए मंगलवार को आहूत सर्वदलीय व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी विपक्षी नेता शामिल नहीं हुए।
लखनऊ, जेएनएन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश विधानमंडल का विशेष सत्र बुधवार को प्रात: 11 बजे से शुरू होगा। विपक्ष इस विशेष सत्र का हिस्सा नहीं रहेगा। इस सत्र से समूचा विपक्ष गैरहाजिर रहेगा।
लखनऊ में विधान भवन में लगातार 36 घंटे चलने वाले इस सत्र की तैयारियों के लिए मंगलवार को आहूत सर्वदलीय व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी विपक्षी नेता शामिल नहीं हुए। समाजवादी पार्टी के दलनेता व नेता विरोधीदल रामगोविंद चौधरी ने बताया कि सपा कार्यकर्ता गांधी जयंती पर उनके प्रिय भजन गाएंगे। कांगे्रस ने लखनऊ में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा करने का फैसला लिया। वहीं पहली बार उपचुनाव लड़ रही बसपा ने प्रचार को महत्व देते सत्र में शामिल न होने का निर्णय लिया है। कभी सरकार का हिस्सा रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी विशेष सत्र के बहिष्कार की घोषणा की है।
समूचे विपक्ष के विशेष सत्र में भाग नहीं लेने के फैसले से बदले हालात पर रणनीति तैयार करने को सत्तापक्ष की बैठकें देर रात तक जारी रही। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व मुख्य सचेतक वीरेंद्र सिंह सिरोही ने एजेंडा संशोधित किया। सिरोही ने बताया कि सत्र की शुरुआत में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोलेंगे। इसके बाद दल नेताओं को मौका मिलेगा लेकिन केवल अपना दल (एस) के नेता ही सदन में मौजूद रहेंगे। उनके लिए बोलने की अवधि 15 मिनट से अधिक करने पर सहमति बनी। इस तरह विपक्षी दलों के सदस्य गैरहाजिर रहेंगे तो अन्य सदस्यों को अधिक समय मिलेगा।
सब मंत्रियों के विषय भी तय हैं। इसमें कैबिनेट मंत्रियों को 15-15 मिनट जबकि राज्यमंत्रियों को 10-10 मिनट मिलेगा। मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत कुल 25 कैबिनेट मंत्री हैं जबकि नौ स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री हैं। उप मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों को अब अधिक समय मिलेगा। संख्या घटने से विधायकों के समूह भी घट जाएंगे।
यह होंगे 16 सतत विकास लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित लक्ष्य विजन 2030 में गरीबी उन्मूलन, भुखमरी समाप्त करना, सबका स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, सुरक्षित जल व स्वच्छता का सतत प्रबंधन, किफायती, सतत एवं आधुनिक ऊर्जा, आर्थिक विकास, उद्यमिता अभिनवीकरण व अवस्थापना, असमानता कम करना, समावेशी एवं सुरक्षित शहर, सतत उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, भूमि पर जीवन, शांतिपूर्ण एवं समावेशी संस्थाओं का निर्माण।
विपक्ष की सहमति से ही आहूत किया विशेष सत्र : दीक्षित
विपक्षी दलों के गतिरोध पर अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि विरोधी दलों के नेताओं की सहमति के बाद ही विशेष सत्र आहूत किया गया है। उन्होंंने सभी दलों से जनहित में राजनीतिक प्रतिबद्धताएं छोड़ अपना वादा पूरा करने और सत्र में भाग लेने का आग्रह किया।
मंगलवार को लोकभवन में दीक्षित ने कहा कि करीब 15 दिन पूर्व इस सत्र को आहूत करने की सहमति सपा के दलनेता व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बहुजन समाज पार्टी के दल नेता लालजी वर्मा, कांग्रेस विधानमंडल दलनेता अजय कुमार लल्लू, अपना दल (सोनेलाल) के नेता नीलरतन सिंह पटेल (नीलू) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के दल नेता ओमप्रकाश राजभर ने दी थी और हर तरह से सहयोग का आश्वासन भी दिया था। आमसहमति के बाद ही यह सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर 36 घंटे तक विशेष चर्चा के लिए यह सत्र बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दल की प्रतिबद्धताएं अलग हो सकती है परंतु देश व प्रदेश के विकास और गांधी के दर्शन पर सबकी सहमति है। इसलिए सभी विरोधी नेताओं को इसमें शामिल होना चाहिए।
भोजन का प्रबंध भी
प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि 36 घंटे लगातार सदन चलाने का पहला प्रयोग है। इस दौरान सदस्यों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा गया है। भोजन व जलपान की भी व्यवस्था रहेगी। नवरात्र के चलते व्रत के आहार का प्रबंध भी किया जाएगा।
मायावती ने आयोजन पर खड़े किए सवाल
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गांधी जयंती से पहले भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए भव्य आयोजनों पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर पूर्वांचल में हो रही तबाही पर सहानुभूति लेने की कोशिश भी की। मायावती ने ट्वीट किया, 'भारी बारिश से यूपी के खासकर पूर्वांचल के जिलों में लगभग सौ लोगों की मौत व लाखों परिवारों का जीवन बाढ़ व जलभराव की समस्या से काफी बेहाल व अति संकटग्रस्त है जिससे निजात दिलाने व राहत पहुंचाने के मामले में सरकारी उदासीनता की शिकायत आम है। सरकार तत्काल ध्यान दे तो बेहतर होगा। साथ ही बाढ़ से पूर्वांचल से खेती -किसानी भी काफी प्रभावित हुई है जिस पर केंद्र व राज्य सरकार दोनों को फौरन पूरा ध्यान देेने की जरूरत है। व्यापक जनहित व जन कल्याण में क्या यह उचित नहीं होगा कि गांधी जयंती को धूमधाम के बजाए पूरी सादगी व संजीदगी से मनाया जाए तथा सरकारी व गैरसरकारी धन को बचाकर उसे अति-जरूरतमंद लाखों बाढ़ पीडि़तों की राहत पर खर्च किया जाए।