Mango Season: 'आम' मंडी में आ गया खास दशहरी, मलिहाबाद के बागों में पक रहा है स्वाद
Mango Season मलिहाबाद-काकोरी के बागों में पकाकर सीधे भेजा जा रहा मंडी। पका ही नहीं कच्चा दशहरी भी लुभा रहा खरीदारों को।
लखनऊ [महेंद्र पांडेय]। Mango Season: आ गया मलिहाबादी..., पका दशहरी..., फलों का राजा एकदम ताजा...। ये शब्द सुनकर आपको आम की एक विशेष किस्म का स्वाद याद आ गया होगा, जिसके दीवाने आप ही नहीं, पूरी दुनिया है। जी हां, लखनऊ का दशहरी इस मौसम में भी अपने दीवानों को निराश नहीं करेगा। आम का लजीज जायका अब जल्द ही आप ले सकेंगे, क्योंकि 'आम' मंडी में खास दशहरी की खेप उतर चुकी है। यहां से आम लोकल बाजारों में भेजा जाने लगा है।
मलिहाबाद की बागों में पक रहा 'स्वाद'
मलिहाबाद-काकोरी की बागों में दशहरी तोड़ा जा रहा है। बुधवार को दैनिक जागरण ने दशहरी पट्टी के गांवों की ओर रुख किया। काकोरी के कुशमौरा गांव में रेलवे क्रॉसिंग के निकट बाग में आम पीटने की आवाज सुन हम वहां रुके। पेड़ के नीचे पहुंचे तो देखा डालों में लदे आम जमीन पर बिछे हैं। बागबान नीरज मौर्या अपने परिवार के साथ आम बीन कर क्रेट में भर रहे हैं। नीरज ने बताया कि आम डिमांड के अनुसार कच्चा और पका भेज रहे हैं। लोकल बाजार के लिए बाग में ही क्रेट में रखकर आम पकाया जाता है। फिर इसे दुबग्गा मंडी, सीतापुर रोड मंडी समेत शहर की छोटी-बड़ी मंडियों में पहुंचाया जाता है।
पड़ोसी जिलों को भी भेजा रहा पका आम
लखनऊ की लोकल मंडियों के साथ बाजारों में भी पका दशहरी बहुतायत मात्रा में भेजा गया है। दुबग्गा मंडी से बुधवार को पड़ोसी जिले बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर आदि में भी दशहरी की खेप रवाना कर दी गई है।
10 जून से मिलेगा डाल का आम
मंडियों में अभी पाल का दशहरी (तोड़ कर पकाया गया आम) आ रहा है। डिमांड को देखते हुए बागबान भी डाल में आम के पकने का इंतजार नहीं करना चाह रहे। आम व्यवसायी सीधे बागबान से संपर्क में रहते हैं, ऑर्डर देते ही बाग से आम की तोड़ाई शुरू कर दी जाती है। आम विक्रेता इकबाल ने बताया कि करीब 10 जून से डाल का पका दशहरी आने लगेगा।
कोरोना के भय पर भारी 'दशहरी'
मलिहाबाद और काकोरी के गांवों में बागबान आम की पैदावार से उत्साहित हैं। कोरोना के भय पर दशहरी बेचने का उत्साह भारी है। हालांकि बागबान शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ मास्क भी पहन रहे हैं। जिनके पास मास्क नहीं है, वे गमछा बांधे दिखे। दुबग्गा मंडी में भी सतर्कता दिखी। दुकानदार खरीदारों को सैनिटाइजर से पहले हाथ साफ करवाते, फिर आम छूकर देखने दे रहे हैं। कहीं-कहीं शारीरिक दूरी भंग भी होती दिखी, लेकिन मंडी के कर्मचारी व्यापारियों का बार-बार आकर सचेत करते रहे।
क्या कहते हैं दुबग्गा मंडी सहायक?
दुबग्गा मंडी सहायक अजय बाजपेयी के मुताबिक, अभी कच्चा आम इलाहाबाद, इटावा, प्रतापगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर आदि प्रदेशों में भेजा जा रहा है। मंडी में अभी पका दशहरी प्रतिदिन करीब 20-30 क्विंटल तक बिक रहा है।
क्या कहते हैं दुबग्गा मंडी सचिव ?
दुबग्गा मंडी सचिव संजय सिंह ने बताया कि मंगलवार रात 1200 क्विंटल कच्चा दशहरी मंडी में आया था, जिसे बाहर भेजा गया है। 10 जून तक दशहरी की मुख्य रूप से आवक शुरू होती है, उसी के अनुसार मूल्य भी तय हो जाता है।
रेट
- 600-800 रुपये क्रेट बड़ा दशहरी
- 400-600 रुपये क्रेट छोटा दशहरी
- (एक क्रेट में 24-25 किग्रा आता है)
खरीदारी का समय
पका दशहरी : सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक
कच्चा दशहरी : रात 10 से सुबह चार बजे तक
क्या कहते हैं केंद्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान निदेशक ?
केंद्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान निदेशक शैलेंद्र राजन ने बताया कि माल, मलिहाबाद और काकोरी की दशहरी मिठास, आकार और रंग दूसरे राज्यों या देशों की दशहरी से अलग है। लू के दौरान यहां के दशहरी की मिठास और बढ़ जाती है। भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री की ओर से विशिष्टता के लिए जीआइ (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग दिया है। यूपी में फलों में दशहरी के अलावा सुर्ख अमरूद को जीआइ टैग मिला है।