Move to Jagran APP

Hanuman Jayanti 2020: हनुमान जयंती कल, शाम से शुरू होगा नरक चतुर्दशी का मान

Hanuman Jayanti 2020 कोरोना संक्रमण के चलते गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। अलीगंज के पुराने व नए हनुमान मंदिर में भी शारीरिक दूरी के साथ दर्शन पूजन का इंतजाम होगा। हनुमान जयंती पर शाम को दर्शन करना श्रेयस्कर होगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 10:20 AM (IST)
Hanuman Jayanti 2020: हनुमान जयंती कल, शाम से शुरू होगा नरक चतुर्दशी का मान
शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जयंती के दूसरे दिन सूर्योदय के पहले हनुमत दर्शन उत्तम होता है।

लखनऊ, जेएनएन। हे दु:ख भंजन, मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार ,पवन सुत विनती बारंबार...भजनों से गुंजायमान वातारण में शुक्रवार को कलियुग के एक मात्र जाग्रत देव संकटहर्ता हनुमान जी की जयंती मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण के चलते भले की बड़े आयोजन नहीं होंगे,लेकिन मंदिरों के दर्शन के खास इंतजाम किए गए हैं। हनुमान सेतु मंदिर के कपाट भोर आरती के साथ दर्शन के लिए खाेल दिए जाएंगे। मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि छोटी दीपावली को मां अंजना के कोख से हनुमान जी का जन्म हुआ था। देवादिदेव महादेव के अंश होने के साथ ही शनिदेव व वरुण देव की विशेष कृपा भी बजरंग बली के दर्शन पूजन से मिलती है।

loksabha election banner

कोरोना संक्रमण के चलते गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। अलीगंज के पुराने व नए हनुमान मंदिर में भी शारीरिक दूरी के साथ दर्शन पूजन का इंतजाम होगा। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम सिंह ने बताया कि बजरंग बली को सुबह भोग लगेगा और प्रसाद वितरण होगा। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष आराधना होगी। पुजारी पवन मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालु शारीरिक दूरी के साथ दर्शन कर सकेंगे। आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर शुक्ला ने बताया कि दर्शन की व्यवस्था होगी। गर्भ गृह में सुरक्षा के चलते जाने पर प्रतिबंध होगा। हनुमान जयंती पर शाम को दर्शन करना श्रेयस्कर होगा। शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जयंती के दूसरे दिन सूर्योदय के पहले हनुमत दर्शन उत्तम होता है। शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी पूजन व दर्शन की तैयारियां पूरी हो गईं हैं।

शाम से शुरू होगा चतुर्दशी का मान

13 नवंबर को शाम 4:11 बजे के बाद से चतुर्दशी का मान शुरू होने के चलते प्रदोष काल में नरक चतुर्दशी मनेगी। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि घर की सफाई के अलावा द्वार पर गोधूलि बेला या 4:30 बजे से सूर्यास्त के बीच पूजन कर द्वार पर चतुर्मुखी चार बाती वाला दीपक जलाना उत्तम रहेगा। इसी दिन दोपहर 1:30 बजे धनवंतरि की पूजा करना श्रेयस्कर होगा। देर रात तक खरीदारी की जा सकती है। दीपावली 14 को मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त - स्थिर कुम्भ लग्न मध्यान्ह 12:37 बजे से शुरू हो जाएगा।

अन्नकूट गोवर्धन पूजा 15 को

दीपावली के अगले दिन 15 नवंबर को अन्नकूट गोवर्धन पूजा होगी। आचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि सुबह 11:27 बजे तक अमावस्या का मान रहने के चलते अमावस्या का स्नान दान इसी दिन करना उत्तम रहेगा। 11:27 बजे के बाद दोपहर तक अन्नकूट गोवर्धन पूजन किया जा सकेगा। अन्नकूट पूजन काली बाड़ी मंदिर व श्री खाटू श्याम मंदिर में होगा। सुधीश गर्ग ने बताया कि श्याम परिवार के लोग ही पूजन में हिस्सा लेंगे। इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने बताया कि छोटे स्तर पर आयोजन होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.