भगवान से संबंध को समझ कर विज्ञान पढ़ाएंगे लखनऊ विवि के अध्यापक, इस्कॉन करेगा सहयोग
वेद क्या हैं आत्मा का विज्ञान भौतिक और आध्यात्मिक जगत अगर ईश्वर एक है तो फिर इतने अधिक पंथ क्यों हैं और आधुनिक युग में योग का महत्व ये कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर इन सत्रों में चर्चा की जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। गीता के जरिये विज्ञान और भगवान के संबंध को लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यापक समझेंगे। जिसके आधार पर वे विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। इस संबंध में इस्कॉन और लविवि के बीच विशेष शैक्षणिक सत्रों का आयोजपन किया जाएगा। ये आयोजन लविवि के फैकल्टी सदस्यों के लिए किया जाएगा जो कि एक सर्टिफिकेट कोर्स होगा। 17 से 23 दिसंबर तक इन सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
क्या एक वैज्ञानिक को भगवान में भरोसा करना चाहिए, किस तरह की आंखों से ईश्वर को देखा जा सकता है। वेद क्या हैं, आत्मा का विज्ञान, भौतिक और आध्यात्मिक जगत, अगर ईश्वर एक है तो फिर इतने अधिक पंथ क्यों हैं और आधुनिक युग में योग का महत्व ये कुछ ऐसे विषय हैं, जिन पर इन सत्रों में चर्चा की जाएगी। लविवि के डॉ संजय माधवी और डॉ अशोक कुमार सिंह फैक्ल्टी के लिए और मधु स्मिता दास इस्कॉन की ओर से इस आयोजन के संयोजक हैं। प्रत्येक दिन दोपहर तीन बजे से शाम 4:30 बजे तक डिस्कवर योरसेल्फ नाम का पूरा आयोजन किया जाएगा। लविवि के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि लविवि और इस्कॉन के बीच गीता के ज्ञान को प्रसारित करने को लेकर एक एमओयू किया गया है, जिसमें नॉलेज एक्सचेंज की जानी है। ये आयोजन भी उसी एमओयू का हिस्सा है।
इस लिंक पर करेंगे पंजीकरण
लविवि की फैक्ल्टी के लिए https://forms.gle/mzQHa7hsA2iXsDc88 पर क्लिक कर के पंजीकरण करवाया जा सकता है। ये सत्र ऑनलाइन ही होंगे।