सपा घमासानः मुलायम से भेंट में निष्कासित युवा टीम की वापसी के संकेत
अखिलेश समर्थकों की एक टोली के चार बर्खास्त नेताओं ने मुलायम सिंह यादव से मिलकर लिखित माफी मांगी है, उनकी सपा में वापसी के संकेत भी मिल गए हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। अखिलेश यादव समर्थकों की एक टोली ने समाजवादी पार्टी में वापसी का प्रयास शुरू कर दिया है। दो विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी), युवा प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त चार नेताओं ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर लिखित माफी मांगी। भविष्य में गलती नहीं करने का यकीन दिलाया। मुलायम ने उन्हें 2017 में सरकार बनाने के लिए जुटने को कहा है, जो पार्टी में वापसी का संकेत है।
दो खेमे में बंट गई है समाजवादी पार्टी: मायावती
एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन, यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त मो. एबाद, लोहिया वाहिनी से बर्खास्त प्रदीप तिवारी, युवजनसभा के बृजेश यादव, छात्रसभा के दिग्विजय सिंह शनिवार की सुबह मुलायम सिंह यादव के विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे। और अपनी गलती की माफी मांगी, हालांकि यह भी जोड़ा कि उन्होंने अपने नेता अखिलेश यादव के समर्थन में नारेबाजी की थी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के विरुद्ध कुछ भी नहीं कहा है न कह सकते हैं। मुलायम ने कहा कि देश के बड़े-बड़े नेताओं ने भी गलती स्वीकारने में हिचक नहीं दिखाई है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। युवकों ने कुछ बोलने का प्रयास किया तो मुलायम ने डपट दिया। फिर अपने राजनीतिक जीवन के संघर्षो का विस्तार से जिक्र किया। कहा कि नारेबाजी से कुछ नहीं होगा, कुछ नेता इससे खुश हो सकते हैं मगर जनता नाराज होती है। नारा देने के स्थान होते हैं। शिक्षक के अंदाज में मुलायम ने पूछा कि लोहिया, जनेश्वर और समाजवादियों की कौन सी किताब पढ़ी? कब से नहीं पढ़ा। मुलायम ने युवकों से लिखित माफीनामा लिया। वर्ष 2017 में फिर से सरकार बनाने और अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जुटने को कहा। युवकों ने माफी देने की बात कही तो मुलायम ने कहा कि 'अब माफीनामा दे दिया है, विचार हो जाएगा। मुलायम के सकारात्मक रुख से साफ है कि युवकों को जल्द माफी मिल जाएगी।
नए प्रदेश अध्यक्षों पर टिप्पणी से नाराजगी
सूत्रों का कहना है कि माफी मांगने गए युवकों ने कहा कि उन्हें खुद मुलायम सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और उनके लिए वह जेल भी गए। आंदोलनों में हिस्सा लिया, मगर अब जो प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, उनको जनता पहचानती तक नहीं है। संघर्षशील लोगों को पद देने की मांग उठी तो मुलायम ने नाराजगी के अंदाज में कहा अभी चुनाव जीतने में जुटो। कुर्बानी देना सीखो तब नेता बनोगे।
कब क्या हुआ था
12 सितंबर को समाजवादी परिवार की कलह सड़क पर आने के बाद लोहिया वाहिनी, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड, छात्रसभा और युवजनसभा के प्रदेश अध्यक्षों की अगुवाई में नौजवानों ने प्रदर्शन किया था। इसमें युवा प्रकोष्ठों से निकलकर एमएलसी बन गए युवक शामिल थे। इन लोगों ने मुलायम के विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर प्रदर्शन किया था। इस पर पार्टी ने सख्त कदम उठाते हुए 19 सितंबर को चार एमएलसी और युवा प्रकोष्ठों के चारों प्रदेश अध्यक्षों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद 23 अक्टूबर को प्रो.राम गोपाल यादव को भी पार्टी से निकाल दिया गया। इन सब की वापसी के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार प्रयासरत थे। 17 नवंबर को मुलायम सिंह यादव ने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस लेने का फैसला करने के साथ पूर्व के सभी पदों पर बहाल कर दिया था। उसी समय की उम्मीद जतायी जा रही थी, अब निष्कासित युवा ब्रिगेड की वापसी का रास्ता भी खुल जाएगा।
मगर ये नहीं पहुंचे
सपा से बर्खास्त चल रहे युवा नेताओं की ओर से माफीनामा की पहल हो गई है। मगर शनिवार को वन राज्यमंत्री पवन पाण्डेय, एमएलसी उदयवीर सिंह, संजय लाठर, अरविंद यादव माफी मांगने नहीं पहुंचे। पार्टी के लोगों का कहना है कि ये नेता भी माफी मांगने के लिए मुलायम के दरबार में पहुंचेंगे। इनमें से एक उदयवीर सिंह ने जो पत्र लिखा था, उसकी प्रकृति बेहद गंभीर थी। ऐसे में उनको माफी मिलने पर फिलहाल संदेह है हालांकि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की करीबियों में शुमार होते हैं।