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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- एक करोड़ रोजगार की घोषणा, यूपी के श्रमिकों के साथ धोखा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में रोजगार की व्यवस्था होती तो श्रमिक वापस क्यों जाने की सोचते? यहां कोई उद्योग लगा नहीं है जहां सरकार उन्हें खपाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 12:38 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:11 AM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- एक करोड़ रोजगार की घोषणा, यूपी के श्रमिकों के साथ धोखा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- एक करोड़ रोजगार की घोषणा, यूपी के श्रमिकों के साथ धोखा

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक करोड़ रोजगार देने का दावा किया लेकिन, इसका ब्योरा नहीं दिया। यह हवाई आंकड़े श्रमिकों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्ष का समय बर्बाद कर दिया। राज्य की जनता के साथ छल कपट की राजनीति करने के अलावा उसने कोई काम अपने नाम किया ही नहीं। लाॅकडाउन हो या फिर अनलाॅक भाजपा सरकार श्रमिकों में विश्वास जगाने में पूर्णतया असफल रही है।

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रविवार को जारी बयान में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में रोजगार की व्यवस्था होती तो श्रमिक वापस क्यों जाने की सोचते? यहां कोई उद्योग लगा नहीं है जहां, सरकार उन्हें खपाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा का काम कई जिलों में तीन वर्ष से बंद है। मनरेगा मजदूर को इस बीच कोई दूसरा काम भी नहीं मिल पाया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। किसी तरह कर्ज लेकर अपने परिवार के लिए वे दो वक्त की रोटी भी जुटाना मुश्किल हैं। वैसे भी मनरेगा में एक वर्ष में 100 दिन ही काम कराने की व्यवस्था है। ऐसे तमाम श्रमिक जो 265 दिन बिना कोई काम रहते हैं अर्द्ध बेकारी के शिकार हैं। उन्हें लगभग बेरोजगारों की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह भाजपा ने धोखे से सरकार बनाई, उसी तरह रोजगार की घोषणा कर श्रमिकों को धोखा दे रही है। तंज किया कि दिव्य गणितज्ञ मुख्यमंत्री का गणित भी दिव्य है। बिना जमीन या खेत के फसल लहलहा देते हैं, हर श्रमिक को घर बैठे रोजगार दे रहे हैं। एक एमओयू से दस उद्योग जादू की छड़ी से पैदा कर देते हैं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री कोरोना संकट से निपटने में जिस राज्य सरकार को मॉडल बताते हैं, उसमें करोना मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जाती है। प्रमाण पत्र जारी करने की इतनी जल्दी भी क्या? लोकतंत्र के साथ ऐसा मजाक कहीं नहीं सुना गया है।


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