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सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कोविड-19 एंटीजन टेस्ट पर उठाए सवाल, सभापति को लिखा पत्र

समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने विधान मंडल के मॉनसून सत्र से पहले हो रहे सदस्यों और अधिकारियों-कर्मचारियों के कोविड-19 के एंटीजन टेस्ट पर सवाल उठाए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 09:37 PM (IST)
सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कोविड-19 एंटीजन टेस्ट पर उठाए सवाल, सभापति को लिखा पत्र
सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कोविड-19 एंटीजन टेस्ट पर उठाए सवाल, सभापति को लिखा पत्र

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने विधान मंडल के मॉनसून सत्र से पहले हो रहे सदस्यों और अधिकारियों-कर्मचारियों के कोविड-19 के एंटीजन टेस्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब इस टेस्ट की विश्वसनीयता पर पहले से सवाल उठते रहे हैं तो यह जांच क्यों कराई जा रही है। विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि अमेरिका ने भी कोविड-19 के लिए एंटीजन टेस्ट को विश्वसनीय नहीं माना है।

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शतरुद्र प्रकाश ने पत्र में कहा कि कोविड-19 के लिए एंटीजन टेस्ट केवल अध्ययन के लिए उचित है। इसकी रिवर्स इंजीनियरिंग करना समझदारी नहीं है। यह जांच केवल वैज्ञानिक रूप से अनुमान लगाने के लिए है। नई दिल्ली में 3.6 लाख लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया गया था, जिसमें केवल छह फीसद कोरोना पॉजिटिव मिले थे। बाद में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया गया तो 15 फीसद मरीजों में कोरोना पॉजिटिव आया।

शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि यही वजह है कि तमिलनाडु सिर्फ पीसीआर टेस्ट ही कर रहा है। मुंबई की दो बड़ी प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट के मुताबिक 65 फीसद मरीज ऐसे मिले थे, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए, लेकिन एंटीजन जांच में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। गलत नतीजों के परिणाम स्वरूप आइसीएमआर ने भी इन्हें प्रतिबंधित कर दिया था। यह स्पष्ट होना चाहिए कि एंटीजन किट व मशीन किस कंपनी की हैं। 

सदस्यों की नहीं होनी चाहिए सभापति से ऊंची सीट : समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि सदन में सभापति की पीठ से ऊंची सीट सदस्यों की नहीं होनी चाहिए। इस बार दर्शक दीर्घा में भी सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। सदन मंडप में चलता है न कि परिसर में। संसदीय लोकतंत्र की आदर्श परंपरा रही है कि मंडप में सभापति की पीठ से ऊंची सीट किसी की नहीं होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने सदन में वर्चुअल हिस्सेदारी की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें इसका कोई उत्तर आज तक नहीं मिला।


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