उत्तर प्रदेश विधानसभा बार-बार टकराव हंगामा और टकराव जैसे हालात
यूपी विधानमंडल सत्र का दूसरा दिन भी बिजली दरों को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया। यूपी विधानसभा सदन स्थगित फिर भी सपा विधायक धरने पर बैठे रहे।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। दोनों सदनों में बिजली दरों में वृद्धि को लेकर जबरदस्त तकरार हुई। बार-बार टकराव जैसे हालात बनें। विधानसभा में सपा व कांग्रेस के सदस्यों द्वारा नारेबाजी लगातार की जाती रही। तनाव उस वक्त बढ़ा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे। नेता सदन बोल रहे थे और विपक्ष के नारे गूंज रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित द्वारा अनेक बार हिदायत देने के बाद भी हंगामा जारी रहा।
यूपी सदन में राहुल गांधी पर भी तंज
उधर सत्तापक्ष की ओर से भी जवाबी शोर शुरू हुआ। ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने नेता विरोधीदल रामगोविंद चौधरी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अपनी मर्यादा भूलकर नेता विरोधीदल भी नारे लगवा रहें है। उन्होंने कहा कि सपा को अंधेरे में काले कारनामे का अभ्यास है, इसलिए बिजली आपूर्ति बढ़ाकर रोशनी देने का प्रयास हजम नहीं हो रहा। पेट में मरोड़ व दर्द हो रहा है। श्रीकांत ने अखिलेश और राहुल गांधी पर भी तंज कसा। बिना उनका नाम लिए कहा कि यूपी के लड़के माहौल खराब कराने में लगे है। उन्होंने कांगे्स व सपा के मेल को जहरीला कॉकटेल बताते कहा कि अब किसी की दादागिरी नहीं चलने दी जाएगी। जो जिस भाषा में बोलेगा, उसे उसी भाषा में जवाब मिलेगा।
लड़की का नाम बिजली रखने लगे
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बिजली दरों को लेकर हंगामा कर रहे सपा सदस्यों को उनके कार्यकाल की याद दिलायी। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में चंद परिवार वालों के क्षेत्रों में ही बिजली मिलती थी। अन्य स्थानों पर लोग बिजली भूलने लगे थे। कई क्षेत्रों में परिवार में बेटी पैदा होने पर उसका नाम बिजली रखने लगे थे।
हालात यही रहें तो सोचना पड़ेगा
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष का हंगामा काबू न होते देखकर, उनको चेताया। उन्होंने कहा कि सरकार अधिक से अधिक समय सदन चलाने की पक्षधर है परंतु विपक्ष तैयार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात ऐेसे ही बने रहेंगे तो सदन चलाने के बारे में सोचना पडेगा।
तन्हा ही बैठे रहे शिवपाल यादव
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव शुक्रवार को सदन में पहुंचे जरूर परंतु हंगामे से दूर रहे। यूं तो शिवपाल सपा के खेमे में बैठे परंतु सबसे पीछे अलग बैठे रहे। सपा सदस्यों द्वारा की जा रही नारेबाजी में शामिल नहीं हुए और दूरी बनाकर रखी। इतना ही नहीं सपा के किसी सदस्य ने भी उनके पास आने की कोशिश नहीं की।
सपा-कांग्रेस का धरना, बसपा-रालोद का वाकआउट
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा-कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे और नारेबाजी करते हुए वेल में सदन के कूपे (वेल) में आ गए। यहां सदस्यों ने धरना शुरू कर दिया। देर तक धरना जारी रहा। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही स्थगित कर दी।। नेता विरोधी दल रामगोविंद बोले-बढ़ी विधुत दर वापस की जाएं तो वह चर्चा में शामिल होंगे। इसी मसले को लेकर बसपा और रालोद ने वाकआउट किया।
विधान परिषद में भी हंगामा
कानून व्यवस्था और बिजली की बढ़ी दरें वापस लेने की मांग को लेकर सपा सदस्यों ने विधान परिषद में भी हंगामा किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य सभापति के सामने वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। शोर-शराबे के बीच विधान परिषद में विधायी कार्य निपटाए गए। इसके बाद सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। प्रदेश सरकार पर युवतियों के साथ बढ़ रही बलात्कार की घटनाएं रोक पाने का आरोप लगाया। पुलिस से जनता का विश्वास खत्म हो गया है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा ने सदन का बहिर्गमन किया।
सपा ने कानून-व्यवस्था का मसला कार्यस्थगन प्रस्ताव के रूप में उठाया। सपा सदस्य आनंद भदौरिया ने फैजाबाद के थाना इनायतनगर के एक गांव में 14 साल की लड़की के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या किए जाने का मामला उठाया। साथ ही लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में रक्त कैंसर से पीडि़त किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला उठाया। नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा कि पुलिस से जनता का विश्वास खत्म हो गया है। पूरा सिस्टम चरमरा गया है। आंगनबाड़ी महिलाओं पर एनएसए लगाया जा रहा है। भाजपा सरकार ने पुलिस तंत्र को पंगु बना दिया है।
नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि फैजाबाद की घटना के नामजद अभियुक्त जेल भेजे जा चुके हैं। लखनऊ की घटना के भी आरोपी पकड़े जा चुके हैं। महिला उत्पीडऩ की घटनाएं निंदनीय व सोचनीय हैं। इसे मुद्दा न बनाकर सभी को साथ में आकर इसके लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में डकैती, लूट व हत्या के मामलों में कमी आई है। रोड होल्डअप की एक भी घटना प्रदेश में नहीं हुई है। उन्होंने अपराध के वर्ष 2016 व 2017 के तुलनात्मक आंकड़े भी पेश किए। इस पर अहमद हसन ने अपने आंकड़े पेश किए। सपा ने सरकार पर सदन में गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
बसपा ने पुलिस की ज्यादती का मुद्दा उठाया
बसपा सदस्य सुनील कुमार चित्तौड़ व सुरेश कुमार कश्यप ने लखनऊ के आलमबाग में एक होटल में पुलिस की ज्यादती का मसला उठाया। यहां सिपाहियों ने पहुंचकर मैनेजर व अन्य लोगों के साथ अभद्रता की थी। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपी सिपाही निलंबित किए जा चुके हैं। इन पर बड़ी कार्रवाई भी करने की तैयारी है।
वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों को समान वेतन की मांग
शिक्षक दल के ओम प्रकाश व जगवीर जैन ने वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू किए जाने की मांग को लेकर सूचना दी। शिक्षक दल इस मसले पर कार्य रोककर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। नेता सदन ने कहा कि उन्होंने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक से आख्या मांगी है। निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल व चेत नारायण सिंह मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय की दूसरी किस्त का भुगतान न किए जाने का मुद्दा उठाया। इस मामले में उमेश द्विवेदी व सपा के संजय कुमार मिश्र ने भी अपने विचार रखे। नेता सदन ने कहा कि मानदेय दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस पर पहले भी सरकार अपना पक्ष रख चुकी है।
कांग्रेस ने एनटीपीसी ऊंचाहार की घटना का मसला उठाया
कांग्रेस ने विधान परिषद में एनटीपीसी ऊंचाहार में ब्यॉयलर फटने का घटना की एफआईआर दर्ज न कराए जाने व पीडि़त परिवार के सदस्यों को अभी तक नौकरी न दिए जाने का मसला भी उठाया। कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह व दीपक सिंह ने कहा कि इस घटना की एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई। नेता सदन ने कहा कि इसके पीडि़त परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है। कुछ लोग जो दूसरे प्रदेशों के हैं उनको मुआवजा देने की कार्यवाही चल रही है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉक आउट किया।