Zila Panchayat Chunav 2021: सपा ने भाजपा पर लगाए आरोप, अपने पक्ष में मतदान के लिए सरकार कर रही सदस्यों का उत्पीड़न
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को फिर राज्य निर्वाचन आयोग में ज्ञापन देकर भाजपा सरकार पर उनके प्रत्याशियों और जिला पंचायत सदस्यों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। सपा नेताओं ने कहा कि उनके पंचायत सदस्यों को धमकी मिल रही है।
लखनऊ, {राज्य ब्यूरो}। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को फिर राज्य निर्वाचन आयोग में ज्ञापन देकर भाजपा सरकार पर उनके प्रत्याशियों और जिला पंचायत सदस्यों के उत्पीडऩ का आरोप लगाया। सपा नेताओं ने कहा कि उनके समर्थक जिला पंचायत सदस्यों को फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जा रही है और प्रलोभन देकर भाजपा के पक्ष में मतदान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
सपा प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के ओएसडी जेपी सिंह से कहा कि एटा, फीरोजाबाद, कासगंज, कन्नौज, सीतापुर, देवरिया, लखीमपुरखीरी, मैनपुरी, अमरोहा, हरदोई, फर्रुखाबाद आदि जिलों में समाजवादी जिला पंचायत सदस्यों को प्रताडि़त किया जा रहा है। सपा ने आयोग को कई घटनाओं का विवरण देकर अनुरोध किया है कि वह सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दें कि पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों एवं उनके परिजनों के खिलाफ चुनाव के दौरान दर्ज हुए फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी न करें। जिला पंचायत अध्यक्षों का निष्पक्ष चुनाव कराया जाए। पुलिस एवं प्रशासनिक उत्पीडऩ से रोकने के लिए भी निर्देशित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में एमएलसी आनंद भदौरिया, डा. राजपाल कश्यप, उदयवीर ङ्क्षसह, रामवृक्ष ङ्क्षसह यादव, डा. दिलीप यादव एवं शशांक यादव शामिल थे।
सपा ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए अपने प्रत्याशीः जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को 17 स्थानों पर मिली निर्विरोध जीत से तिलमिलाई समाजवादी पार्टी अब ज्यादा सतर्क हो गई है। पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के अपने कई प्रत्याशियों व उनके समर्थकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। ज्यादातर के फोन भी स्विच आफ हैं। मंगलवार को नाम वापस लिए जाने हैं। पार्टी इस कोशिश में लगी है कि उसके प्रत्याशी किसी भी दबाव में आकर नाम वापस न लें। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अपने जिले से सपा समर्थित प्रत्याशियों का नामांकन न करा पाने वाले 11 जिलाध्यक्षों को शनिवार को नामांकन वाले दिन ही हटा दिया था। सपा यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी के साथ भितरघात करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।