पाच देशों की महिला हैंडबॉल टीमें 31 से दिखाएंगी दम
लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 31 मार्च से 3 अप्रैल तक होगी दक्षिण एशियाई देशों की हैंडबॉल चैंपियनशिप। महिला सशक्तिकरण को दर्शाएगी प्रतियोगिता।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। पाचवीं दक्षिण एशियाई महिला हैंडबॉल चैंपियनशिप का आयोजन 31 मार्च से 3 अप्रैल तक लखनऊ में होगा। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में होने वाली प्रतियोगिता में भारत, भूटान, नेपाल, बाग्लादेश और अफगानिस्तान की टीमें हिस्सा लेंगी। हालाकि पाकिस्तान, श्रीलंका और मालदीव की टीमें अलग-अलग कारणों से इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगी। इस प्रतियोगिता की मेजबानी हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने यूपी हैंडबॉल एसोसिएशन को दी थी। बुधवार (28 मार्च) को हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और यूपी हैंडबॉल एसोसिएशन के महासचिव आनन्देश्वर पाडेय व आयोजन समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुधीर एम. बोबडे ने बताया कि इस चैंपियनशिप में मेजबान अफगानिस्तान, नेपाल, बाग्लादेश और भूटान की टीमों का क्लीयरेंस मिल गया है। लखनऊ के लिए यह गर्व करने की बात है कि यहा दक्षिण एशियाई देशों की हैंडबॉल चैंपियनशिप होगी। हम मेजबानी में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आनंदेश्वर पाडेय ने बताया कि पहले दिल्ली में इसे आयोजित करने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन उत्तर प्रदेश में बढ़ी खेल सुविधाएं और खेलों के लिए तैयार अच्छे वातावरण को देखते हुए इसे लखनऊ में कराने का फैसला लिया गया है। इस अवसर पर चैंपियनशिप का लोगो भी जारी किया गया। टीमों के रुकने की व्यवस्था जेसी होटल में की गई है। चैंपियनशिप के लिए भारतीय हैंडबॉल टीम का प्रशिक्षण शिविर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), लखनऊ के क्षेत्रीय केंद्र में चल रहा है। चैंपियनशिप के मैच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में शाम 4:30 बजे से 7:00 बजे तक आयोजित किए जाएंगे। चैंपियनशिप का उद्घाटन 31 मार्च को शाम पाच बजे होगा। आइओए के ट्रेजरार आनंदेश्वर पाडेय ने बताया कि दक्षिण एशियाई महिला हैंडबॉल पाकिस्तान, श्रीलंका और मालदीव की टीमें इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगी। मालदीव और श्रीलंका ने अपने देशों में आपातकाल का हवाला दिया है, जबकि पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में हम सब जानते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया के बाकी चारों देशों के साथ भारतीय टीम चैंपियनशिप में पूरा दमखम दिखाएगी। महिला सशक्तिकरण को दर्शाएगी प्रतियोगिता
वहीं, यूपी हैंडबॉल संघ के अध्यक्ष सुधीर एम. बोबडे का कहना है कि यह प्रतियोगिता महिला सशक्तिकरण को भी दिखाएगी। हमारा लोगो इसी थीम पर आधारित है। दूसरे देशों की टीमों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। सुरक्षा और दूसरी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा। शासन और प्रशासन से भी सहयोग मागा गया है।