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अमेठी के बाद भाजपा की निगाह अब सोनिया के दुर्ग रायबरेली पर, 21 को अमित शाह की रैली

अमित शाह कांग्रेस के प्रमुख गढ़ रायबरेली में रैली करके और प्रमुख कांग्रेसी परिवार के लोगों को भाजपा में शामिल कराकर चुनावी राज्य कर्नाटक तक को राजनीतिक संदेश दे देना चाहते हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 11:38 AM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 04:30 PM (IST)
अमेठी के बाद भाजपा की निगाह अब सोनिया के दुर्ग रायबरेली पर, 21 को अमित शाह की रैली
अमेठी के बाद भाजपा की निगाह अब सोनिया के दुर्ग रायबरेली पर, 21 को अमित शाह की रैली

लखनऊ (जेएनएन)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी पर लगातार हमला करने वाली भारतीय जनता पार्टी की निगाह अब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पर है। सोनिया गांधी के रायबरेली से बड़े ठाकुर परिवार में भाजपा ने सेंध लगा दी है।

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भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस के दिग्गजों को उनके घर में ही घेरने की रणनीति तैयार की है। अमेठी में तो नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी लगातार दौरा करती रहती हैं और ससंदीय क्षेत्र में विकास के काम कराने के बाद अक्सर ही राहुल गांधी पर तंज कसती रहती हैं। अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का सोनिया गांधी के दुर्ग को भेदने का प्लान तैयार है।

भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी से स्मृति ईरानी को उतारकर उनको अमेठी में ही अधिकांश समय रहने पर मजबूर कर दिया था। अब यह प्लान रायबरेली पर कारगर करने का भाजपा का प्रयास है। बड़ी योजना के तहत भाजपा अध्यक्ष 21 अप्रैल को रायबरेली के दौरे पर आ रहे हैं।

अमेठी की तर्ज पर अब भारतीय जनता पार्टी रायबरेली में ऐसी ही चुनौती पेश करने की तैयारी में जुट गई है। इसी के तहत भाजपा आलाकमान अमित शाह रायबरेली का दौरे पर जा रहे हैं। अमित शाह रायबरेली के स्थानीय नेता व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। उसी फीडबैक पर इस बार भाजपा रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी खड़ा कर सकती है।

अमित शाह का यह रायबरेली दौरा 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों से ही जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष के इस दौरे में अर्से से कांग्रेस के किले को भेदने का भी प्लान है। कांग्रेस से नाराज चल रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह अपने विधायक भाई राकेश प्रताप सिंह और जिला पंचायत अवधेश प्रताप सिंह के साथ पार्टी को अलविदा कहकर कल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। दिनेश सिंह ने साफ कह दिया है कि अब कांग्रेस में नहीं रहना है।

दिनेश सिंह रायबरेली की सियासत में बड़ा चेहरा हैं। दिनेश सिंह कांग्रेस से विधान परिषद सदस्य हैं तो उनके एक भाई राकेश प्रताप सिंह कांग्रेस से हरचंदपुर से विधायक और एक भाई अवधेश प्रताप सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। तीनों ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है। ऐसे में दिनेश सिंह के भाजपा में शामिल होने का कदम कांग्रेस के लिए अपने गढ़ में बड़ा झटका होगा। भाजपा अब इसी को लेकर देश की सियासत में माहौल बनाने की कोशिश करेगी।

अमित शाह कांग्रेस के इस प्रमुख गढ़ रायबरेली में रैली करके और वहां के प्रमुख कांग्रेसी परिवार के लोगों को भाजपा में शामिल कराकर चुनावी राज्य कर्नाटक तक को राजनीतिक संदेश दे देना चाहते हैं। शाह बताना चाहते हैं कि जब कांग्रेस के दो बड़े चेहरे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के क्षेत्र में आम लोगों में ही नहीं खुद प्रमुख कांग्रेसी नेता में मौजूदा नेतृत्व को लेकर हताशा है तो उस पार्टी के नेता कर्नाटक या अन्य राज्यों में क्या भला करेंगे। इस रैली के माध्यम से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह भी अपनी दिखाएंगे। अमित शाह की इस रैली का जिम्मा कभी जिले में कांग्रेस का ठिकाना रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के घर 'पंचवटी' के हाथ में हैं। एमएलसी सपरिवार भाजपा में शामिल हो रहे हैं। लिहाजा, परिवार रैली की तैयारियों में जुटा है। एमएलसी दिनेश सिंह शाह की रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सोनिया गांधी के सामने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल को मैदान में उतारा था। मोदी लहर के बावजूद अग्रवाल यहां पर सोनिया के सामने कड़ी चुनौती पेश नहीं कर सके। सोनिया गांधी ने करीब तीन लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी। ऐसे में बीजेपी ने 2019 में रायबरेली की घेराबंदी करने की रणनीति बनाई है।

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस को अमेठी में घेरने की रणनीति के तहत राहुल गांधी के सामने स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा था। ईरानी के खिलाफ राहुल को जीतने में पसीने छूट गए। इसके कारण ही प्रियंका गांधी को अमेठी में डेरा जमाना पड़ा था। इसके बाद राहुल गांधी एक लाख वोट से जीत सके। इससे पहले उनकी जीत का अंतर तीन लाख से अधिक मतों से होता था। स्मृति ईरानी भले ही चुनाव हार गई, लेकिन राहुल गांधी के सामने मैदान में उतरने का तोहफा उनको पार्टी से मिला। ईरानी चार साल से अमेठी में सक्रिय है, लगातार अमेठी का दौरा कर रही हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली सभी सीटें कांग्रेस हार गई थी। कांग्रेस वहां पर सपा के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में थी।

प्रियंका गांधी पर लगाए गंभीर आरोप

एलएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कल एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के साथ प्रियंका गांधी पर जमकर हमला किया। उन्होंने प्रियंका पर एमएलए के टिकट के लिए इस्तीफा लिखवाने का आरोप लगाया। दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि भाई वह राकेश प्रताप सिंह के लिए हरचंदपुर से एमएलए का टिकट मांगने गया था तो प्रियंका गांधी ने उनसे एमएलसी पद का इस्तीफा लिखवा लिया था। बड़े भाई पर जिस व्यक्ति ने रेप का फर्जी आरोप लगाकर केस दर्ज करवाया उसे उन्हीं के गांव का ग्राम अध्यक्ष बना दिया। उन्होंने कहा लोभ, मोह, लालच नहीं, बल्कि स्वाभिमान के लिए कांग्रेस छोड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि रायबरेली में कांग्रेस नहीं है। प्राइवेट सेक्टर कंपनी गांधी परिवार के लिए काम कर रही है। 


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