पूर्व एमएलसी के बेटे ने अपने बिजनेस पार्टनर को गोली मारी
पूर्व एमएलसी के बेटे आशुतोष जायसवाल ने टाइल्स कारोबारी दुर्गेश तिवारी के सिर पर गोली मार दी। उसकी हालत गंभीर है। उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाने के पास आज देवरिया निवासी पूर्व एमएलसी के बेटे आशुतोष जायसवाल ने टाइल्स कारोबारी दुर्गेश तिवारी (32) को उसके शोरूम में घुसकर गोली मार दी। दोनों के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद था। घायल कारोबारी को गंभीर हालात में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। पुलिस ने वारदात को अंजाम देकर भाग रहे आशुतोष और उसके चालक को दौड़ाकर दबोच लिया। उसकी कार और पिस्टल कब्जे में ले ली। आशुतोष के पिता जयप्रकाश जायसवाल पूर्व एमएलसी हैं। उसकी मां कृष्णा देवरिया से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। आशुतोष देवरिया के सदर का रहने वाला है।
रुपयों के लेनदेन का विवाद
सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि देवरिया के सोनू घाट निवासी दुर्गेश तिवारी पुत्र बजरंगी तिवारी का आशुतोष जायसवाल के साथ पार्टनरशिप में टाइल्स का कारोबार है। एटूजेड सोल्यूशन के नाम से सहारा हॉस्पिटल के पास उनका शोरूम है। दुर्गेश यहां गोमतीनगर विस्तार स्थित यमुना अपार्टमेंट में रहते हैं और आशुतोष अलकनंदा अपार्टमेंट में रहता है। दोनों के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद है। कुछ समय पहले दुर्गेश ने विभूतिखंड थाने के पास एक कांप्लेक्स में गुड होम्स के नाम से अलग शोरूम खोल दिया था। दोनों के बीच रुपयों का विवाद सुलझाने के लिए लंबे समय से वार्ता चल रही थी।
दोनों आरोपित गिरफ्तार
शाम आशुतोष फाच्र्यूनर कार से चालक संतराम के साथ शोरूम में पहुंचा। वहां दोनों के बीच लेनदेन को लेकर नोकझोंक शुरू हो गई। इस बीच आशुतोष ने पिस्टल निकालकर दुर्गेश के माथे पर गोली मार दी। आवाज सुनकर लोग बाहर निकल आए। अफरातफरी मच गई। एक युवक ने थाने पहुंचकर सूचना दी। पुलिसकर्मी घटनास्थल पहुंचे तो आशुतोष जायसवाल और उसका चालक संतराम भाग रहा था। एक सिपाही ने दौड़कर उनका पीछा किया। साथ में पब्लिक व अन्य पुलिसकर्मी भी दौड़े और दोनों को दबोच लिया गया। सीओ ने बताया कि घायल का ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिल्ली से बिजनेस बंद कर आया था दुर्गेश
पुलिस ने बताया कि दुर्गेश पहले दिल्ली के पंजाबी बाग में टाइल्स का काम करता था। वहां उसने बिजनेस बंद कर दिया था और वर्ष 2015 में लखनऊ आ गया था। दुर्गेश ने आशुतोष के साथ यहां पर टाइल्स का काम शुरू किया था। दोनों के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था।
तीन करोड़ रुपये न देने पर मारी गोली
आरोपित आशुतोष जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2015 में उसने अपना व्यवसाय शुरू किया था। इस बीच दिल्ली से लौटा दुर्गेश भी साथ में काम करने लगा। कुछ दिन पहले दुर्गेश ने अपना नया शोरूम खोल दिया था। दुर्गेश ने दुकान में रखा सेनेट्री का काफी समान अपनी दुकान में रख लिया था। कुछ दिन पहले हिसाब हुआ था। आशुतोष के मुताबिक उसे तीन करोड़ रुपये दुर्गेश से लेने थे। दुर्गेश रुपये देने के नाम पर टालमटोल करता रहता था। कई बार उसने तय तारीख पर रुपये नहीं दिए। आज उससे रुपये लेने शोरूम पर पहुंचा। हम दोनों बात कर रहे थे तभी दुर्गेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी। बात बढऩे पर उसने गोली मार दी।