पूर्व एमएलसी के बेटे ने कारोबारी को मारी गोली, गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, लखनऊ : विभूतिखंड थाने के पास स्थित टाइल्स शोरूम में घुसकर शनिवार शाम पूर्व ए
जागरण संवाददाता, लखनऊ : विभूतिखंड थाने के पास स्थित टाइल्स शोरूम में घुसकर शनिवार शाम पूर्व एमएलसी के बेटे आशुतोष जायसवाल ने टाइल्स कारोबारी दुर्गेश तिवारी (32) के सिर में गोली मार दी। घायल कारोबारी को गंभीर हालात में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वारदात को अंजाम देकर भाग रहे आरोपित आशुतोष और उसके चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी फार्च्यूनर कार और पिस्टल भी कब्जे में ले ली है।
सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि देवरिया के सोनू घाट निवासी दुर्गेश तिवारी पुत्र बजरंगी तिवारी का आशुतोष जायसवाल के साथ पार्टनरशिप में टाइल्स का कारोबार है। एटूजेड सोल्यूशन के नाम से सहारा हॉस्पिटल के पास उनका शोरूम है। दुर्गेश यहां गोमतीनगर विस्तार स्थित यमुना अपार्टमेंट में रहते हैं और आशुतोष अलकनंदा अपार्टमेंट में रहता है। दोनों के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद है। कुछ समय पहले दुर्गेश ने विभूतिखंड थाने के पास एक कांप्लेक्स में गुड होम्स के नाम से अलग शोरूम खोल दिया था। दोनों के बीच रुपयों का विवाद सुलझाने के लिए लंबे समय से वार्ता चल रही थी। शनिवार शाम आशुतोष फार्च्यूनर कार से चालक संतराम के साथ शोरूम में पहुंचा। वहां दोनों के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर बात चल रही थी, तभी उनके बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इस बीच आशुतोष ने पिस्टल निकालकर दुर्गेश के माथे पर गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर शोरूम के नीचे स्थित रेस्टोरेंट में खान-पान कर रहे लोग भी बाहर निकल आए। घटना से अफरातफरी मच गई। इस बीच एक युवक ने थाने पहुंचकर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वारदात को अंजाम देकर भाग रहे आरोपित आशुतोष जायसवाल और उसके चालक संतराम को गिरफ्तार कर लिया। सीओ ने बताया कि घायल का ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आशुतोष के पिता जयप्रकाश जायसवाल पूर्व एमएलसी हैं। उसकी मां कृष्णा देवरिया से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। आशुतोष देवरिया के सदर का रहने वाला है।
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दिल्ली से बिजनेस बंद कर आया था दुर्गेश
पुलिस ने बताया कि दुर्गेश पहले दिल्ली के पंजाबी बाग में टाइल्स का काम करता था। वहां से उसने बिजनेस बंद कर दिया था। वर्ष 2015 में लखनऊ आया था। दुर्गेश ने आशुतोष के साथ यहां पर टाइल्स का काम शुरू किया था। दोनों के बीच रुपयों के लेन देन को लेकर विवाद चल रहा था।
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तीन करोड़ रुपये नहीं दे रहा था इसलिए मारी गोली
आरोपित आशुतोष जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2015 में उसने अपना व्यवसाय शुरू किया था। इस बीच दिल्ली से लौटा दुर्गेश भी साथ में काम करने लगा। कुछ दिन पहले दुर्गेश ने अपना नया शोरूम खोल दिया था। दुर्गेश ने दुकान में रखा सेनेट्री का काफी समान अपनी दुकान में रख लिया था। कुछ दिन पहले हिसाब हुआ था। आशुतोष के मुताबिक उसे तीन करोड़ रुपये दुर्गेश से लेने थे। दुर्गेश रुपये देने के नाम पर टालमटोल करता रहता था। कई बार उसने तय तारीख पर रुपये नहीं दिए। आज उससे रुपये लेने शोरूम पर पहुंचा। हम दोनों बात कर रहे थे तभी दुर्गेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी। बात बढ़ने पर उसने गोली मार दी।