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एक नहीं चार-चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या, आखिर कौन मार रहा सरकार के सिपाही

उत्तर प्रदेश में लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर सरकार के सिपाहियों को कोई मौत की नींद सुला रहा है। पीलीभीत, शाहजहांपुर, बागपत और चित्रकूट ऐसी ही वारदाते सामने आई है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 09:50 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 11:36 PM (IST)
एक नहीं चार-चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या, आखिर कौन मार रहा सरकार के सिपाही
एक नहीं चार-चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या, आखिर कौन मार रहा सरकार के सिपाही

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में लोगों की सुरक्षा के लिए हर समय तत्पर सरकार के सिपाहियों को कोई मौत की नींद सुलाता जा रहा है। पीलीभीत, शाहजहांपुर, बागपत और चित्रकूट वर्दीधारियों को मारे जाने से पुलिस के इकबाल की बुलंदी कम होती नजर आ रही है। हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों ने जल्द ही केस का राजफाश करने का आश्वासन दिया है। 

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शाहजहांपुर में दारोगा की हत्या फेंका

शाहजहांपुर पुलिस लाइन्स के वायरलेस विभाग में तैनात दारोगा की हत्या करके शव नाले में फेंक दिया गया। हालांकि, मृतक के परिजनों ने अभी किसी पर आरोप नहीं लगाया है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट व शव की स्थिति को देख पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मुजफ्फरनगर के  शाहपुर क्षेत्र के गांव केसरवां गांव निवासी भौंदे खां (55)  उर्फ मेहरबान पुलिस लाइन्स में तैनात थे। वे शनिवार को दोपहर करीब एक बजे खाना खाने के बाद बाइक लेकर ड्यूटी के लिए निकले थे। रात आठ बजे तक घर वापस नहीं आए तो परिजनों ने उनके मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन वह बंद था। सभी ने सोचा कि नाइट ड्यूटी होगी। इस बीच सुबह करीब सात बजे घर के पीछे करीब दो सौ मीटर दूर नाले में भौंदे खां का शव मिला। कुछ दूरी पर बाइक पड़ी थी। जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट  लगने की बात सामने आई है। माना जा रहा है कि हत्या करके शव नाले में फेंका गया है। अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया है। क्राइम ब्रांच समेत चार टीमें पड़ताल में जुटी हैं। 

बागपत में चयनित सिपाही हत्या

बागपत में पुलिस में चयनित एक युवक की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। वह एक मामले में गवाह था। उसकी गवाही से आरोपितों को सजा हुई थी। परिजनों का कहना है कि गवाही की रंजिश में कत्ल किया गया है। युवक का यूपी पुलिस में चयन हो गया था। एक जुलाई को उसे नौकरी ज्वाइन करनी थी। बागपत के फैजपुर निनाना गांव निवासी संदीप उर्फ पट्टू (28) पुत्र शौकीनपाल रात अपने घेर की छत पर सोया हुआ था। रात करीब एक बजे बदमाशों ने उस पर गोलियां बरसा दी। तीन-चार गोली लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मृतक की मां सतवीरी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। मृतक के बाबा अजब ने बताया कि गांव में 16 अगस्त 2008 को किसान राजवीर  की हत्या कर दी गई थी। इस केस का संदीप गवाह था। उसकी गवाही पर अदालत ने पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। ये सभी बागपत जेल में बंद हैं। संदीप का यूपी पुलिस सिपाही भर्ती-2015 में चयन हो गया था। उसकी एक जुलाई को ज्वाइनिंग होनी थी। अजबसिंह ने आशंका जताई उसी सजायाफ्ता ने जेल से ही संदीप की हत्या कराई है। उधर, एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जल्द ही केस का राजफाश कर दिया जाएगा। 

नदी किनारे मिला हेड कांस्टेबल का शव

बिजनौर निवासी टीकम सिंह राणा हेड कांस्टेबल थे। वह परिवार के साथ पीलीभीत के बिलगंवा रोड स्थित तिरुपति कॉलोनी में किराए पर रहते थे। एक माह पहले स्थानातंरण शाहजहांपुर हो गया था। सिपाही शनिवार को परिवार नजीबाबाद छोड़कर आए थे। पत्नी को फोन पर बताया था कि वह शाहजहांपुर में ज्वाइनिंग करने जा रहे हैं। शनिवार को  शव कोतवाली क्षेत्र के गांव बक्शपुर के पास खकरा नदी के पास पड़ा मिला। पुलिस ने मृतक के परिवार वालों को घटना की सूचना दे दी है। सीओ सिटी धर्म सिंह मार्छाल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही हेड कांस्टेबल की मौत कैसे हुआ, इसका पता चल पाएगा। 

चित्रकूट में जंगल में मिला जवान का शव

साढ़े पांच लाख रुपये के इनामी दस्यु सरगना बबुली कोल की तलाश में  चित्रकूट  के जंगल में उतरे मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल आम्र्स फोर्स के जवान सचिन का शव 48 घंटे बाद रविवार को पुलिस टीम ने ढूंढ़ निकाला। 

बीते शुक्रवार बबुली कोल के थर पहाड़, गोदावरी व तपस के जंगलों में होने की सूचना मिली थी। मध्य प्रदेश के सतना की बगदरा घाटी पुलिस चौकी में तैनात टीम प्रभारी सीएल पांडेय के साथ जवान सचिन समेत छह सदस्यीय टीम जंगल में उतरी थी। इसी दौरान सचिन लापता हो गए। उनकी रायफल समेत अन्य सामान सहयोगी के पास मिला। सहयोगी ने बताया कि सचिन प्यास व गर्मी से बेहाल होने के कारण सामान देकर पीछे चल रहे थे। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं है। रविवार सुबह उनकी तलाश में 250 पुलिसकर्मी जंगल में उतारे गए थे। एसपी राजेश हिंगणकर पुलिस टीमों के साथ सर्च अभियान में जुटे थे तभी बटोही के जंगल में सचिन का शव बरामद हुआ। आइजी रीवा उमेश जोगा ने जवान की मौत की पुष्टि की है। मूल रूप से मध्य प्रदेश के भिंड निवासी सचिन का शव मिलने के बाद पुलिस मौत का कारण जानने में जुटी है।


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