तकनीकी पाठशाला में पर्यावरण संरक्षण का मिलेगा सबक
विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान के साथ ही पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए यह प्रयास किया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों को तकनीकी गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की पहल भी शुरू हो गई है। एक ओर जब बिजली की कटौती से लोग परेशान हैं तो दूसरी ओर बिजली की बचत के लिए सरकार की ओर से की जा रही अपील नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में ऊर्जा संरक्षण के साथ ही अपनी बिजली खुद तैयार करने की पहल 60 पॉलीटेक्निकों में पूरी हो गई है।
कृष्णानगर के लखनऊ पॉलीटेक्निक प्रशासन ने प्रशासनिक भवन के ऊपर बिजली घर (सौर ऊर्जा का प्लांट) लगाने का कार्य पूरा कर लिया है। शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों ने भी इस प्रयास की सराहना की। बिना किसी अतिरिक्त खर्च के सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के सोलर प्लेट लगाने के साथ ही अन्य उपकरणों को नेडा (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण) की ओर से लगाया गया। शिक्षक अनिल भारतीय ने बताया कि 12-12 किलोवॉट के दो प्लांट लगाए गए और दोनों से 1383 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
प्रशासनिक भवन होगा रोशन
इस प्लांट से प्रशासनिक भवन के साथ ही प्रयोगशाला में बिजली खपत को पूरा किया जा रहा है। पूरे परिसर को सौर ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक, हीवेट पॉलीटेक्निक, गोविंद बल्लभ पंत राजकीय पॉलीटेक्निक व राजकीय महिला पॉलीटेक्निक में सोलर प्लांट लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। रोशनी के साथ हर अवकाश के दिनों में बनने वाली बिजली की बिक्री भी की जाएगी। इससे आर्थिक सुदृढ़ता भी आएगी।
लखनऊ पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि लखनऊ पॉलीटेक्निक में सोलर एनर्जी सिस्टम काम करने लगा है। इसके माध्यम से बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। अपनी तरह की इकलौता संस्थान है जहां पर्यावरण की पाठशाला भी लगती हैं और आयोजनों में पौधरोपण भी किया जाता है।